Vikrant Shekhawat : Aug 10, 2020, 11:46 PM
Rajasthan Political Crisis नई दिल्ली | राजस्थान में बीते 32 दिन से चल रहे घटनाक्रम का पटाक्षेप हो गया। कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) ने एआईसीसी (AICC) से एक कमेटी बनाने को कहा है, जो सचिन पायलट (Sachin Pilot) और बागी विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दों का हल निकालेगी। इस पर पायलट ने भी सहमति जताते हुए कहा है कि वे पार्टी के साथ हैं, राजस्थान की सरकार (Rajasthan Government) के साथ हैं। कांग्रेस ने पायलट को आश्वासन दिया है कि उनकी सारी शिकायतों पर गौर किया जाएगा और सम्मानजनक तरीके से उनकी घर वापसी कराई जाएगी। पार्टी ने पायलट की शिकायतें सुनने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल को रखा गया है। राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सचिन पायलट की ओर से कमेटी शिकायत सुनेगी। पायलट ने यह भी कहा कि राजनीति में व्यक्तिगत हमलों की जगह नहीं होती, मुझ पर व्यक्तिगत हमले किए गए, ऐसी व्यक्तिगत बातें बोली गईं, जिन पर मुझे भी आश्चर्य हुआ। लेकिन मैंने संयम बनाए रखा।
राजस्थान में विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सचिन पायलट ने आज दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की। सूत्रों की माने तो इस मुलाकात में सचिन पायलट ने अपनी और बागी विधायकों की समस्यों के बारे में राहुल और प्रियंका गांधी को पूरी जानकारी दी। राहुल और प्रियंका के साथ मुलाकात के दौरान सचिन पायलट ने यह साफ किया है कि उनका कदम कांग्रेस पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि अशोक गहलोत के विरोध में है। पायलट ने राजस्थान में सियासी संकट के पीछे की पूरी कहानी बताई। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि वो क्यों बगावत को मजबूर हुए। गौरतलब है कि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित करने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था। बागी रुख अपनाने के साथ ही पायलट कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे।राजस्थान में यह बोले भंवरलाल शर्मा
मुख्यमंत्री गहलोत से मुलाकात के बाद पायलट समर्थक विधायक भंवरलाल ने बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि सरकार सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। भंवरलाल शर्मा ने कहा कि पार्टी एक परिवार है और अशोक गहलोत उसके मुखिया। मेरी अशोक गहलोत से नहीं, मुख्यमंत्री से क्षेत्र के मुद्दों को लेकर नाराजगी थी। एक दो दिन में सब ठीक हो जाएगा। अशोक गहलोत ही मुख्यमंत्री रहेंगे और यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
पायलट समर्थक विधायक ने कहा कि जब परिवार में कोई नाराज होता है तो वो खाना नहीं खाता। हमने एक महीने तक नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब नाराजगी दूर हो गई है। भंवरलाल शर्मा ने कहा कि पार्टी अब जनता से किए गए वादे पूरा करेगी। उन्होंने सचिन पायलट के भविष्य के सवाल पर कहा कि वे राहुल गांधी से बातचीत कर रहे हैं। भंवरलाल ने खुद को स्वयंभू नेता बताया और कहा कि वे किसी के पीछे नहीं चलते। इतने दिन तक अपने खर्च पर ही रुके हुए थे। कांग्रेस विधायक ने सरकार गिराने की साजिश से जुड़े ऑडियो के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। भंवरलाल ने कहा कि एक गजेंद्र सिंह को जानता हूं। मैं किसी शेखावत को नहीं जानता। उन्होंने कहा कि कोई ऑडियो नहीं है। यह झूठ था। मैं संजय जैन को नहीं जानता। वहीं, सूत्रों की मानें तो सरकार ने यह आश्वस्त किया है कि इस मामले की जांच बंद कर दी जाएगी और कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।गौरतलब है कि सूबे की सियासत में भूचाल ला देने वाले ऑडियो कांड में भंवरलाल का नाम भी आया था। राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम भंवरलाल से इस संबंध में पूछताछ करने के लिए हरियाणा के गुरुग्राम भी गई थी। एसओजी टीम उस होटल भी पहुंची थी, जहां भंवरलाल शर्मा के होने की जानकारी मिली थी। हालांकि, टीम को हरियाणा पुलिस ने होटल के बाहर ही रोक दिया था। बाद में जब राजस्थान से गई टीम को अंदर जाने दिया गया, तब भंवरलाल शर्मा वहां नहीं मिले थे।
राजस्थान में विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सचिन पायलट ने आज दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की। सूत्रों की माने तो इस मुलाकात में सचिन पायलट ने अपनी और बागी विधायकों की समस्यों के बारे में राहुल और प्रियंका गांधी को पूरी जानकारी दी। राहुल और प्रियंका के साथ मुलाकात के दौरान सचिन पायलट ने यह साफ किया है कि उनका कदम कांग्रेस पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि अशोक गहलोत के विरोध में है। पायलट ने राजस्थान में सियासी संकट के पीछे की पूरी कहानी बताई। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि वो क्यों बगावत को मजबूर हुए। गौरतलब है कि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित करने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था। बागी रुख अपनाने के साथ ही पायलट कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे।राजस्थान में यह बोले भंवरलाल शर्मा
मुख्यमंत्री गहलोत से मुलाकात के बाद पायलट समर्थक विधायक भंवरलाल ने बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि सरकार सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। भंवरलाल शर्मा ने कहा कि पार्टी एक परिवार है और अशोक गहलोत उसके मुखिया। मेरी अशोक गहलोत से नहीं, मुख्यमंत्री से क्षेत्र के मुद्दों को लेकर नाराजगी थी। एक दो दिन में सब ठीक हो जाएगा। अशोक गहलोत ही मुख्यमंत्री रहेंगे और यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
पायलट समर्थक विधायक ने कहा कि जब परिवार में कोई नाराज होता है तो वो खाना नहीं खाता। हमने एक महीने तक नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब नाराजगी दूर हो गई है। भंवरलाल शर्मा ने कहा कि पार्टी अब जनता से किए गए वादे पूरा करेगी। उन्होंने सचिन पायलट के भविष्य के सवाल पर कहा कि वे राहुल गांधी से बातचीत कर रहे हैं। भंवरलाल ने खुद को स्वयंभू नेता बताया और कहा कि वे किसी के पीछे नहीं चलते। इतने दिन तक अपने खर्च पर ही रुके हुए थे। कांग्रेस विधायक ने सरकार गिराने की साजिश से जुड़े ऑडियो के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। भंवरलाल ने कहा कि एक गजेंद्र सिंह को जानता हूं। मैं किसी शेखावत को नहीं जानता। उन्होंने कहा कि कोई ऑडियो नहीं है। यह झूठ था। मैं संजय जैन को नहीं जानता। वहीं, सूत्रों की मानें तो सरकार ने यह आश्वस्त किया है कि इस मामले की जांच बंद कर दी जाएगी और कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।गौरतलब है कि सूबे की सियासत में भूचाल ला देने वाले ऑडियो कांड में भंवरलाल का नाम भी आया था। राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम भंवरलाल से इस संबंध में पूछताछ करने के लिए हरियाणा के गुरुग्राम भी गई थी। एसओजी टीम उस होटल भी पहुंची थी, जहां भंवरलाल शर्मा के होने की जानकारी मिली थी। हालांकि, टीम को हरियाणा पुलिस ने होटल के बाहर ही रोक दिया था। बाद में जब राजस्थान से गई टीम को अंदर जाने दिया गया, तब भंवरलाल शर्मा वहां नहीं मिले थे।