आत्मिनर्भर भारत / अब सेना भी होगी 'आत्मिनर्भर भारत' का हिस्सा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ऐलान- रक्षा क्षेत्र के 101 उपकरण आयात पर लगेगा प्रतिबंध

भारत की सेना और रक्षा से जुड़े 101 उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथसिंह ने एक महत्वपूर्ण ऐलान करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर कदम बढ़ा रहा है। इसके तहत 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। अब भारत में बने उपकरण ही उपयोग में लिए जाएंगे।

Vikrant Shekhawat : Aug 09, 2020, 10:44 AM
New Delhi | भारत की सेना और रक्षा से जुड़े 101 उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथसिंह ने एक महत्वपूर्ण ऐलान करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर कदम बढ़ा रहा है। इसके तहत 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। अब भारत में बने उपकरण ही उपयोग में लिए जाएंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) रविवार को बड़ी घोषणा की है. उन्‍होंने ऐलान किया है कि रक्षा मंत्रालय अब आत्‍मनिर्भर भारत की राह अपनाएगा। रक्षा उत्‍पादन के स्‍वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए 101 रक्षा उत्‍पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और इन्‍हें स्‍वदेशी स्‍तर पर बनाया जाएगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने 101 उपकरणों की एक सूची तैयार की है, जिसपर समय सीमा के बाद प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। राजनाथ सिंह ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 स्तंभों अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रचर, प्रणाली, जनसांख्यिकी और मांग के आधार पर एक 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए एक स्पष्ट आह्वान किया है। इसके लिए प्रधानमंत्री ने 'आत्मनिर्भर भारत' के नाम से एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा, 'आयात पर बैन को 2020 से लेकर 2024 के बीच लागू करने की योजना है। हमारा उद्देश्य सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के मामले में रक्षा उद्योग को आगे बढ़ाना है ताकि स्वदेशीकरण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।'

राजनाथ सिंह ने कहा कि जिन 101 उपकरणों पर बैन लगाया गया है, उनमें सिर्फ छोटे पार्ट्स शामिल नहीं हैं, बल्कि उसमें कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार सिस्टम भी हैं जैसे- आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफलें, कोरवेट, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएच, रडार आदि।

बता दें कि पूर्वी लद्दाख में पिछले लंबे समय से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनातनी चल रही है। सैनिकों को पीछे करने की प्रक्रिया के तहत दोनों पक्षों के बीच लगातार बातचीत जारी रही है। इसी सिलसिले में शनिवार को दोनों देशों के सेनाओं के बीच दौलतबेग ओल्डी में मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई जिसमें टकराव टालने के उपायों पर चर्चा हुई। सेना की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है लेकिन सूत्रों ने सकारात्मक प्रगति होने का दावा किया है। 

राजनाथ सिंह ने कहा, 'उस आह्वान से संकेत लेते हुए रक्षा मंत्रालय ने 101 वस्तुओं की सूची तैयार की है, जिनके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।' रक्षा मंत्री ने कहा, 'यह निर्णय भारतीय रक्षा उद्योग को अपने स्वयं के डिजाइन और विकास क्षमताओं का उपयोग करके या सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डीआरडीओ द्वारा डिजाइन की गई तकनीकों को अपनाकर नकारात्मक सूची में वस्तुओं के निर्माण का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा।'

राजनाथ सिंह ने कहा कि 101 उत्‍पादों की सूची को सभी हितधारकों से, जिनमें सशस्‍त्र बल, सार्वजनिक व निजी इंडस्‍ट्री हैं, कई स्‍तर की वार्ता और विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है। ऐसा भविष्‍य में गोला बारूद और रक्षा उत्‍पादों के निर्माण की भारतीय इंडस्‍ट्री की क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर ऐसी सेवाओं की लगभग 260 योजनाओं को तीनों सेनाओं द्वारा अनुबंधित किया गया था। अब ऐसा अनुमान है कि अगले 6 से 7 साल में घरेलू उद्योगों को 4 लाख करोड़ रुपये का कॉन्‍ट्रैक्‍ट मिलेगा। रक्षा मंत्री के अनुसार अगले 6 से 7 साल में इनमें से लगभग 1,30,000 करोड़ रुपये के उत्‍पाद सेना और वायुसेना के लिए अनुमानित हैं, जबकि नौसेना की ओर से लगभग 1,40,000 करोड़ रुपये उत्‍पादों का अनुमान जताया गया है।