Gajendra Singh Rathore : Sep 19, 2024, 10:59 AM
RAS Priyanka Bishnoi : जोधपुर की ACM रह चुकी प्रियंका विश्नोई (33) का 15 दिन चले उपचार के बाद बुधवार देर रात अहमदाबाद के हॉस्पिटल में निधन हो गया। करीब 20 दिन पहले जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया था। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें सिम्स (अहमदाबाद) ले जाया गया था। परिवार वालों ने हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। प्रियंका 2016 बैच की RAS (राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) अफसर थीं। उनका तबादला नगर निगम उपायुक्त पद पर हुआ था। प्रियंका का अंतिम संस्कार गुरुवार दोपहर में फलोदी के सुरपुरा (ससुराल) में होगा।
वसुंधरा अस्पताल पर हैं आरोपजानकारी के अनुसार, RAS अफसर प्रियंका विश्नोई को पेट में दर्द होने की शिकायत थी। उन्हें डॉक्टरों ने बच्चेदानी में गांठ होना बताया था। इलाज के लिए ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी। इसी के चलते उनका जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में ऑपरेशन करवाया गया था। विश्नोई के परिवार वालों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था।
ससुर ने कलेक्टर से की थी शिकायतप्रियंका के ससुर सेईराम विश्नोई ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। आरोप है कि उन्हें एनेस्थिसिया (बेहोशी की दवा) ज्यादा दे दिया या खून ज्यादा बह गया। इसलिए हालत बिगड़ गई। सात सितंबर को उनका अहमदाबाद ले जाया गया था। जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को एक कमेटी बनाकर इस संबंध में जांच करने और तीन दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे। प्रिंसिपल डॉ. भारती सरस्वत ने बताया कि जांच कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी आज (गुरुवार) से जांच शुरू करने वाली थी।
सीनियर डॉक्टरों की टीम का गठनएसएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. भारती सारस्वत ने बताया था कि कलेक्टर के आदेश पर पांच डॉक्टरों की टीम गठित की गई थी। टीम में गायनी विभाग से डॉ. रंजना देसाई, मेडिसिन से डॉ. इंदू थावानी, सर्जरी से डॉ. विजय शर्मा, न्यूरोलॉजी से डॉ.शुभकरण खींचड़, एनेस्थीसिया से डॉ. नवीन पालीवाल को शामिल किया गया था।
कमेटी की रिपोर्ट आते ही कार्रवाई होगीजोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने कहा था- एसडीएम प्रियंका के इलाज में लापरवाही को लेकर उनके परिजनों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत की थी। जांच कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। उसी रिपोर्ट के बाद ही सारी स्थिति साफ होगी। अगर जांच में उनके उपचार में लापरवाही सामने आती है तो तुरंत और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अगस्त में ही जोधपुर हुई थी पोस्टिंगप्रियंका विश्नोई की पोस्टिंग डूंगरपुर, चूरू, विजयनगर में रह चुकी है। अगस्त महीने में ही उन्होंने जोधपुर एसडीएम पद जॉइन किया था। प्रियंका विश्नोई का पीहर बीकानेर के नोखा में है। उनके पिता रिषपाल विश्नोई वकील हैं। वहीं ससुराल फलोदी जांभा के पास सुरपुरा है। उनके ससुर सेईराम विश्नोई राजस्थान पुलिस से रिटायर्ड हैं। उनके पति विक्रम सिंह फलोदी में आबकारी इंस्पेक्टर हैं। विक्रम और प्रियंका की शादी वर्ष 2017 में हुई थी।
हॉस्पिटल का तर्क- सर्जिकल किसी तरह की परेशानी नहीं थीवसुंधरा हॉस्पिटल (जोधपुर) के डॉ. संजय मकवाना ने कहा- सर्जिकल कोई कॉम्पिलकेशन नहीं था। उनके (प्रियंका विश्नोई) ब्रेन में जन्म से एक एवी मालफॉर्मेशन (ब्रेन की पतली दीवार) था। वह यंग एज में कभी भी लीक कर सकता है। दुर्भाग्यवश हमारे पास ऑपरेशन की 24 घंटे की रिकवरी के बाद लीक हुआ। उस दिन स्ट्रेस के कारण उनमें लक्षण आने शुरू हो गए थे। सीटी स्कैन में भी यह बात पता चली थी।
15 अगस्त को सम्मानित हुई थीं प्रियंकाप्रशंसनीय कार्य के लिए 15 अगस्त को प्रशासन ने प्रियंका विश्नोई को सम्मानित भी किया था। प्रियंका के निधन की खबर सुनते ही विश्नोई समाज में शोक की लहर दौड़ गई है।
नगर निगम उपायुक्त पद पर हुआ था तबादलाप्रियंका विश्नोई जोधपुर प्रशासन में सहायक कलेक्टर पद पर रहीं। हाल ही में उनका तबादला नगर निगम में उपायुक्त पद पर हुआ था। लंबी बीमारी के कारण वह कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाई थीं।
8वीं कक्षा में ही RAS बनने का ठान लिया थाजोधपुर में कुछ दिन पहले ही समराथल फाउंडेशन का कार्यक्रम हुआ था। वहां बतौर अतिथि प्रियंका विश्नोई ने अपने RAS बनने के लक्ष्य की कहानी को बताया था। उन्होंने कहा था- 8वीं कक्षा में उनके स्कूल में कार्यक्रम था। वहां RAS अधिकारी अतिथि के रूप में आए थे। उनके सम्मान को देखकर उन्होंने भी RAS बनने की ठान ली थी। उन्होंने अपना पहला RAS अटेम्ट 2013 में दिया था। इस परीक्षा में उनकी रैंक 90वीं रही। इसके बाद फिर से तैयारी की और RAS बनी।
वसुंधरा अस्पताल पर हैं आरोपजानकारी के अनुसार, RAS अफसर प्रियंका विश्नोई को पेट में दर्द होने की शिकायत थी। उन्हें डॉक्टरों ने बच्चेदानी में गांठ होना बताया था। इलाज के लिए ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी। इसी के चलते उनका जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में ऑपरेशन करवाया गया था। विश्नोई के परिवार वालों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था।
ससुर ने कलेक्टर से की थी शिकायतप्रियंका के ससुर सेईराम विश्नोई ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। आरोप है कि उन्हें एनेस्थिसिया (बेहोशी की दवा) ज्यादा दे दिया या खून ज्यादा बह गया। इसलिए हालत बिगड़ गई। सात सितंबर को उनका अहमदाबाद ले जाया गया था। जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को एक कमेटी बनाकर इस संबंध में जांच करने और तीन दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे। प्रिंसिपल डॉ. भारती सरस्वत ने बताया कि जांच कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी आज (गुरुवार) से जांच शुरू करने वाली थी।
सीनियर डॉक्टरों की टीम का गठनएसएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. भारती सारस्वत ने बताया था कि कलेक्टर के आदेश पर पांच डॉक्टरों की टीम गठित की गई थी। टीम में गायनी विभाग से डॉ. रंजना देसाई, मेडिसिन से डॉ. इंदू थावानी, सर्जरी से डॉ. विजय शर्मा, न्यूरोलॉजी से डॉ.शुभकरण खींचड़, एनेस्थीसिया से डॉ. नवीन पालीवाल को शामिल किया गया था।
कमेटी की रिपोर्ट आते ही कार्रवाई होगीजोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने कहा था- एसडीएम प्रियंका के इलाज में लापरवाही को लेकर उनके परिजनों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत की थी। जांच कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। उसी रिपोर्ट के बाद ही सारी स्थिति साफ होगी। अगर जांच में उनके उपचार में लापरवाही सामने आती है तो तुरंत और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अगस्त में ही जोधपुर हुई थी पोस्टिंगप्रियंका विश्नोई की पोस्टिंग डूंगरपुर, चूरू, विजयनगर में रह चुकी है। अगस्त महीने में ही उन्होंने जोधपुर एसडीएम पद जॉइन किया था। प्रियंका विश्नोई का पीहर बीकानेर के नोखा में है। उनके पिता रिषपाल विश्नोई वकील हैं। वहीं ससुराल फलोदी जांभा के पास सुरपुरा है। उनके ससुर सेईराम विश्नोई राजस्थान पुलिस से रिटायर्ड हैं। उनके पति विक्रम सिंह फलोदी में आबकारी इंस्पेक्टर हैं। विक्रम और प्रियंका की शादी वर्ष 2017 में हुई थी।
हॉस्पिटल का तर्क- सर्जिकल किसी तरह की परेशानी नहीं थीवसुंधरा हॉस्पिटल (जोधपुर) के डॉ. संजय मकवाना ने कहा- सर्जिकल कोई कॉम्पिलकेशन नहीं था। उनके (प्रियंका विश्नोई) ब्रेन में जन्म से एक एवी मालफॉर्मेशन (ब्रेन की पतली दीवार) था। वह यंग एज में कभी भी लीक कर सकता है। दुर्भाग्यवश हमारे पास ऑपरेशन की 24 घंटे की रिकवरी के बाद लीक हुआ। उस दिन स्ट्रेस के कारण उनमें लक्षण आने शुरू हो गए थे। सीटी स्कैन में भी यह बात पता चली थी।
15 अगस्त को सम्मानित हुई थीं प्रियंकाप्रशंसनीय कार्य के लिए 15 अगस्त को प्रशासन ने प्रियंका विश्नोई को सम्मानित भी किया था। प्रियंका के निधन की खबर सुनते ही विश्नोई समाज में शोक की लहर दौड़ गई है।
नगर निगम उपायुक्त पद पर हुआ था तबादलाप्रियंका विश्नोई जोधपुर प्रशासन में सहायक कलेक्टर पद पर रहीं। हाल ही में उनका तबादला नगर निगम में उपायुक्त पद पर हुआ था। लंबी बीमारी के कारण वह कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाई थीं।
8वीं कक्षा में ही RAS बनने का ठान लिया थाजोधपुर में कुछ दिन पहले ही समराथल फाउंडेशन का कार्यक्रम हुआ था। वहां बतौर अतिथि प्रियंका विश्नोई ने अपने RAS बनने के लक्ष्य की कहानी को बताया था। उन्होंने कहा था- 8वीं कक्षा में उनके स्कूल में कार्यक्रम था। वहां RAS अधिकारी अतिथि के रूप में आए थे। उनके सम्मान को देखकर उन्होंने भी RAS बनने की ठान ली थी। उन्होंने अपना पहला RAS अटेम्ट 2013 में दिया था। इस परीक्षा में उनकी रैंक 90वीं रही। इसके बाद फिर से तैयारी की और RAS बनी।