Reserve Bank Of India: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 13 फरवरी, 2025 को न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर सख्त सर्वसमावेशी निर्देश (एआईडी) लागू किए थे, जिसके तहत बैंक को निर्देश दिया गया कि वह अपने जमाकर्ताओं को किसी भी खाते से धन निकालने की अनुमति न दे। यह कदम बैंक की वित्तीय स्थिति और परिचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था।
आरबीआई का हस्तक्षेप और प्रशासनिक बदलाव
इसके बाद आरबीआई ने 14 फरवरी, 2025 को बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भंग कर दिया और बैंक के संचालन के लिए एक प्रशासक और एक सलाहकार समिति (सीओए) नियुक्त की। आरबीआई ने बैंक की तरलता स्थिति की समीक्षा करने के बाद 27 फरवरी, 2025 से प्रति जमाकर्ता ₹25,000 तक की निकासी की अनुमति देने का निर्णय लिया है। इस राहत से बैंक के अधिकांश जमाकर्ताओं को आंशिक धन वापसी का अवसर मिलेगा।
निकासी प्रक्रिया और सुविधाएं
आरबीआई के अनुसार, इस छूट के तहत कुल जमाकर्ताओं में से 50 प्रतिशत से अधिक लोग अपनी संपूर्ण जमा राशि निकाल सकेंगे, जबकि बाकी जमाकर्ता अधिकतम ₹25,000 तक की निकासी कर सकेंगे। जमाकर्ता इस निकासी के लिए बैंक शाखाओं के अलावा एटीएम सेवाओं का भी उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, यह सुविधा केवल उस सीमा तक उपलब्ध होगी, जो या तो ₹25,000 है या जमाकर्ता के खाते में उपलब्ध शेष राशि, जो भी कम हो।
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के बोर्ड का विघटन
आरबीआई ने इस माह बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को 12 महीने के लिए भंग कर दिया था और संचालन की जिम्मेदारी एसबीआई के पूर्व चीफ जनरल मैनेजर श्रीकांत को सौंपी गई। इसके साथ ही, बैंक के संचालन और पुनर्संगठन में सहायता के लिए एक एडवाइजरी कमेटी का भी गठन किया गया है।
धोखाधड़ी के आरोप और बैंक के सीईओ की गिरफ्तारी
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोअन (45) को गिरफ्तार कर लिया है। वह 2008 से बैंक से जुड़े हुए थे और आईटी वाइस प्रेसिडेंट के रूप में कार्यरत थे। 2019 में उन्हें बैंक का सीईओ नियुक्त किया गया था।
निष्कर्ष
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर आरबीआई के प्रतिबंध और निकासी पर लगी सीमाओं में दी गई राहत से प्रभावित जमाकर्ताओं को कुछ राहत मिली है। हालांकि, बैंक की वित्तीय स्थिति को स्थिर करने और जमाकर्ताओं की पूरी धनराशि सुरक्षित करने के लिए आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों पर आगे भी नजर रखना आवश्यक होगा।