यूक्रेन युद्ध का दिखने लगा असर / रिफाइंड 15 तो डालडा 10 रुपये प्रति लीटर महंगा, व्यापारी बोले- जानबूझ कर बढ़ाए जा रहे दाम

रूस व यूक्रेन के बीच में चल रहे युद्ध के कारण मंहगाई ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। इस जंग के कारण भले ही पेट्रोल-डीजल के दामों मे अभी बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली है। इस जंग के कारण पंजाब में खाद्य तेल के दाम जरूर बढ़ गए हैं। सबसे ज्यादा असर रिफाइंड तेल और डालडा घी में देखने को मिल रहा है। महज चार दिन में रिफाइंड के एक टीन का रेट 150 रुपये से लेकर 200 रुपये तक बढ़ गया है।

Vikrant Shekhawat : Feb 28, 2022, 09:12 AM
रूस व यूक्रेन के बीच में चल रहे युद्ध के कारण मंहगाई ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। इस जंग के कारण भले ही पेट्रोल-डीजल के दामों मे अभी बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली है। इस जंग के कारण पंजाब में खाद्य तेल के दाम जरूर बढ़ गए हैं। सबसे ज्यादा असर रिफाइंड तेल और डालडा घी में देखने को मिल रहा है। महज चार दिन में रिफाइंड के एक टीन का रेट 150 रुपये से लेकर 200 रुपये तक बढ़ गया है। 

रिफाइंड का टीन पहले 2350 रुपये का मिलता था। वह अब 2500 से 2550 रुपये तक मिल रहा है। अगर रिफाइंड के एक लीटर पैक की बात करें तो इसमें भी 15 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई है। इसी तरह डालडा घी के दाम भी 10 रुपये प्रति किलो तक बढ़े हैं। अब यह 15 किलो टीन का भाव 140 रुपये तक बढ गया है। रिफाइंड के पेशे से जुड़े व्यापारी अंकित का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच में छिड़ी जंग के कारण सारी मार्केट डिस्टर्ब हो गई है। 

रिफाइंड व घी में इस्तेमाल होने वाला पॉम ऑयल इंडोनेशिया व मलेशिया से आता है लेकिन जंग के कारण वह भारतीय बाजार में पहुंच नहीं पा रहा है, जिसके कारण रिफाइंड तेल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि सूरजमुखी यूक्रेन से आता है तो उसका असर भी रिफाइंड में देखने को मिल रहा है। 

उन्होंने कहा कि अगर जंग जल्द ही खत्म न हुई तो आने वाले दिनों में रिफाइंड व घी में और तेजी आने की संभावना है। व्यापारी प्रिंस कुमार का कहना है कि माना जंग के कारण तेल व घी के दाम मे बढ़ोतरी हो रही है लेकिन कुछ व्यापारी जानबूझ कर दाम बढ़ा रहे हैं। अभी तक भारत में काफी स्टाक पॉम आयल और रिफाइंड घी का पड़ा है। कुछ दुकानदारों ने अपने पास पड़े सामान के दाम अभी से बढ़ा दिए हैं। उन्होंने कहा कि जंग तो कुछ दिनों के बाद हट जाएगी पर यह बढे़ दाम नहीं घटेगे, जिसका नुकसान आम आदमी को उठाना पड़ेगा।