देश / WHO के खिलाफ प्रस्ताव पारित, केंद्र-राज्यों ने कहा- देश में कोरोना से 47 लाख मौत का आंकड़ा गलत

भारत में कोरोना महामारी से 47 लाख मौतों (Corona Deaths in India) के WHO के आंकड़े को केंद्र सरकार और तमाम एजेंसियों व विशेषज्ञों ने गलत कहा है। सेंट्रल काउंसिल ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के मॉडलिंग सिस्टम के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया और इसे गलत बताया। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी।

Vikrant Shekhawat : May 07, 2022, 07:04 AM
नर्मदा (गुजरात): भारत में कोरोना महामारी से 47 लाख मौतों (Corona Deaths in India) के WHO के आंकड़े को केंद्र सरकार और तमाम एजेंसियों व विशेषज्ञों ने गलत कहा है। सेंट्रल काउंसिल ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के मॉडलिंग सिस्टम के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया और इसे गलत बताया। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी।

न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि, भारत में कोविड-19 से होने वाली मौतों को लेकर WHO के अनुमान में कई खामियां हैं और उनका यह आंकड़ा पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत में कोरोना से होने वाली हर मौत का आंकड़ा पूरी पारदर्शिता के साथ सिलसिलेवार तरीके से दर्ज किया गया है।

गुजरात के केवाड़िया में आयोजित सेंट्रल काउंसिल ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर की कॉन्फ्रेंस में यह मुद्दा उठाया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने की। इस बैठक में विभिन्न राज्यों के 20 हेल्थ मिनिस्टर भी शामिल हुए।

‘WHO का मॉडल और मेथोडोलॉजी गलत’

सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह अनुमानित मॉडल निराश करने और तनाव देने वाला है। जिसमें भारत में कोरोना से हुई मौतों को लेकर बेहद उच्च अनुमान जताया गया। एएनआई से बात करते हुए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंघला ने कहा कि, यह प्रस्ताव WHO के खिलाफ पारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कोरोना महामारी के दौरान मौतों को लेकर गलत आंकड़े दर्शाए। WHO ने सही तरीके से कैल्कुलेशन नहीं किया, हमारे सिस्टम में मृत्यु और जन्म को लेकर बेहद सही आंकड़े हैं। इसलिए हम इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की निंदा करते हैं।

इससे पहले केंद्र सरकार ने गुरुवार को भारत में कोरोना से होने वाली मौतों के WHO के अनुमानित आंकड़ों को खारिज कर दिया था। सरकार ने कहा कि, इस्तेमाल किए गए मॉडल की वैधता, मजबूती और डाटा कलेक्शन का तरीका संदिग्ध है।

वहीं नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने भी कहा कि, भारत के पास कोविड से हुई मौतों का आंकड़ा पहले से उपलब्ध है इसलिए WHO के इस मॉडल को महत्व नहीं दिया जा सकता है जहां सिर्फ अनुमान के मुताबिक आंकड़े जारी किए गए हों।