Vikrant Shekhawat : Jun 11, 2021, 06:36 AM
सूर्यग्रहण: चांद जब धरती और सूरज के बीच में आता है तो सूर्यग्रहण लगता ही है लेकिन गुरुवार को चांद धरती से ज्यादा दूरी पर है। इसलिए इसने साल के पहले सूर्यग्रहण के दौरान सूरज को ढका तो लेकिन पूरी तरह छिपा नहीं सका और किनारे से सूरज की रोशनी नजर आती रही। साल के अकेले सूर्यग्रहण को धरती के उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में देखा गयाऔर इस दौरान आसमान में ऐसा लगा जैसे आग का छल्ला बन आया हो। इसे दुनिया के कई कोनों से देखा गया और हर जगह यह कुछ अलग नजर आया।न्यूयॉर्क सिटी की एक बहुमंजिला इमारत समिट वन वॉन्डरबिल्ट से ली गई तस्वीर। इसमें ग्रहण लगा सूरज किसी पेंटिंग जैसा नजर आया जिसे अद्भुत कलाकार ने रचा हो।बर्कशायर में उगते सूरज के सामने से निकलता चांद बादलों के पर्दे के पीछे छिपा सा दिखा। साल के इस समय चांद और सूरज धरती के हिसाब से ऐसी स्थिति पर होते हैं कि दोनों का आकार एक जैसा लगता है। चांद की कक्षा गोलाकार नहीं है, इसलिए धरती से इसकी दूरी के हिसाब से कभी यह बड़ा दिखता है और कभी छोटा।इस साल यह 'छल्ला' उत्तरी ध्रुव, ग्रीनलैंड और कनाडा के हिस्सों में दिखाई देगा। उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में आंशिक सूर्यग्रहण नजर आएगा। अमेरिका में दक्षिणपूर्व, उत्तरपूर्व, मध्यपश्चिम, उत्तरी अलास्का जैसे इलाकों में सूर्योदय से पहले दिख सकता है। हालांकि, भारत में यह नजर नहीं आएगा।जब चांद दूर होता है तो धरती और सूरज के बीच में आने पर यह पूरी तरह से सूरज को ढकता नहीं है और तब सूरज का बाहरी हिस्सा छल्ले की तरह दिखता है। इस बार यह ज्यादातर जगहों पर पूरे छल्ले की जगह कुछ ऐसा दिखा जैसे चांद ने सूरज का एक निवाला लिया हो।कनाडा को अंटोरियो में ग्रहण लगा सूरज उगते हुए दिखा। अमेरिका और कनाडा के कुछ इलाकों में चांद कुछ ऐसा नजर आया जबकि उत्तरी गोलार्ध के दूसरे हिस्सों में चांद के पीछे से झांकता आग का छल्ला भी दिखा।सूर्यग्रहण देखने का उत्साह काफी लोगों में रहता है लेकिन इसके लिए स्पेशल चश्मे जरूर लगाने चाहिए। सूर्यग्रहण को सीधे बिना चश्मे के देखने से आंखें खराब हो सकती हैं। इसके अलावा टेलिस्कोप-दूरबीन जैसे स्पेशल फिल्टर्स का इस्तेमाल करना चाहिए।