Dollar vs Rupee / दुनिया को रुपए ने फिर दिखाई अपनी ताकत, डॉलर के लिए बना सबसे बड़ी आफत

बीते दिनों रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूती दिखा रहा है। टेस्ला के भारत आने की खबर और ट्रंप के टैरिफ का सीमित असर इसकी प्रमुख वजहें हैं। डॉलर इंडेक्स में गिरावट भी रुपए को समर्थन दे रही है। जानकारों के अनुसार यह मजबूती आगे भी जारी रह सकती है।

Vikrant Shekhawat : Feb 19, 2025, 03:40 PM

Dollar vs Rupee: हाल ही में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार मजबूती दर्ज कर रहा है। कुछ समय पहले तक डॉलर रुपये के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ था, लेकिन बीते 10 दिनों में यह वैश्विक स्तर पर सबसे मजबूत करेंसी में से एक बनकर उभरा है।

रुपये में मजबूती के कारक

  1. इंटरबैंक एक्सचेंज में तेजी: इंटरबैंक एक्सचेंज के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, रुपया मंगलवार की क्लोजिंग के मुकाबले और मजबूती के साथ कारोबार कर रहा है, भले ही कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई हो।

  2. टेस्ला का भारत आगमन और ट्रंप के टैरिफ का असर: एलन मस्क की टेस्ला के भारत में प्रवेश की पुष्टि और ट्रंप के टैरिफ का असर सीमित होने की संभावना ने रुपये को मजबूती प्रदान की है। टेस्ला ने मुंबई और दिल्ली में नए शोरूम खोलने और भारतीय बाजार में अपने कर्मचारियों की भर्ती की घोषणा की है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।

  3. डॉलर इंडेक्स में गिरावट: डॉलर इंडेक्स में भी गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे रुपये को अतिरिक्त समर्थन मिला है। हाल ही में यह 107 के स्तर से नीचे आ गया है और बीते पांच कारोबारी दिनों में इसमें लगभग 1% की गिरावट दर्ज की गई है।

  4. भारतीय नीतिगत सुधार: भारत सरकार द्वारा टैरिफ में कटौती और ईवी नीति में रियायतों की घोषणा ने भी रुपये को मजबूती दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के बाद व्यापारिक माहौल को लेकर स्पष्टता बढ़ी है, जिससे विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।

बाजार पर असर

बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में तेजी दर्ज की गई है। दूसरी ओर, मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे कमजोर होकर 86.98 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। हालांकि, मौजूदा ट्रेंड से संकेत मिलते हैं कि आने वाले दिनों में रुपये की मजबूती बनी रह सकती है।

निष्कर्ष

भारतीय रुपये की मजबूती के पीछे कई आर्थिक और वैश्विक कारण शामिल हैं। टेस्ला का भारत में प्रवेश, ट्रंप के टैरिफ का सीमित असर, डॉलर इंडेक्स में गिरावट और सरकार की नई नीतियों के चलते रुपये को सपोर्ट मिल रहा है। अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो भारतीय मुद्रा आने वाले समय में और अधिक स्थिर और मजबूत हो सकती है।