Vikrant Shekhawat : Mar 03, 2025, 11:40 AM
Dollar vs Rupee: पिछले हफ्ते की गिरावट को पीछे छोड़ते हुए भारतीय रुपया सोमवार को मजबूती के साथ लौटा और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले शानदार तेजी दर्ज की। वैश्विक और घरेलू कारकों के चलते रुपये को समर्थन मिला, जिससे निवेशकों के मनोबल में सुधार हुआ। डॉलर इंडेक्स में गिरावट और भारत की तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों में सुधार के कारण रुपये में मजबूती देखी गई। खास बात यह है कि तीन हफ्ते पहले जब रुपये ने अपना लाइफ टाइम लो बनाया था, वह स्तर फिर नहीं दोहराया गया।
रुपये की मजबूती के पीछे प्रमुख कारण
1. शुरुआती कारोबार में तेजी
सोमवार को इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 87.36 पर खुला और 9 पैसे की मजबूती के साथ 87.28 पर पहुंच गया।- अमेरिकी डॉलर इंडेक्स के ऊंचे स्तर से नीचे आने के चलते रुपये को समर्थन मिला।
- घरेलू इक्विटी बाजारों में सुधार के संकेत देखने को मिले।
- भारत की अर्थव्यवस्था में 6.2% की वृद्धि, जो सात-तिमाही के निचले स्तर से उबर रही है।
2. डॉलर इंडेक्स में गिरावट
डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की ताकत को दर्शाता है, सोमवार को 0.34% की गिरावट के साथ 107.19 पर आ गया।- पिछले हफ्ते 0.59% की तेजी के बाद डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई।
- बीते एक महीने में डॉलर इंडेक्स में 1.62% की कमी देखी गई।
- हालांकि, तीन महीने में डॉलर इंडेक्स 0.73% तक मजबूत हुआ है।
3. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रही।- ब्रेंट क्रूड वायदा 0.59% बढ़कर 73.24 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा।
- इससे रुपये में अस्थिरता बनी रही, लेकिन निवेशकों को विश्वास था कि घरेलू सुधार इसे संतुलित कर देगा।
4. विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार:- 21 फरवरी को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.758 बिलियन डॉलर बढ़कर 640.479 बिलियन डॉलर हो गया।
- इसके पहले के सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 बिलियन डॉलर घटकर 635.721 बिलियन डॉलर रह गया था।
- फरवरी में सकल जीएसटी संग्रह 9.1% बढ़कर लगभग 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया।
5. डॉलर-रुपया स्वैप का प्रभाव
भारतीय रिजर्व बैंक ने 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का डॉलर-रुपया स्वैप किया, जिससे सिस्टम में लॉन्गटर्म लिक्विडिटी डाली गई।- इस स्वैप प्रक्रिया में बैंकों ने आरबीआई को डॉलर बेचा और स्वैप अवधि के अंत में उतनी ही मात्रा में डॉलर खरीदने पर सहमति जताई।
- यह स्वैप 4 मार्च और 6 मार्च को निपटाया जाएगा।
भविष्य की संभावनाएं
- यदि डॉलर इंडेक्स में और गिरावट आती है तो रुपया और मजबूत हो सकता है।
- विदेशी पूंजी प्रवाह जारी रहा तो रुपये में स्थिरता बनी रह सकती है।
- तेल की कीमतों में यदि अचानक बढ़ोतरी होती है, तो रुपये पर दबाव बन सकता है।
- भारत की आर्थिक वृद्धि और नीतिगत सुधार रुपये की मजबूती में योगदान दे सकते हैं।