Indian Rupee / अगले हफ्ते भी 'रुपए' की दहाड़ सुनाई देगी! डॉलर पर टूट सकता है पहाड़

10 फरवरी के बाद से रुपये में मजबूती जारी है, और अगले हफ्ते भी इसकी संभावना बनी हुई है। डॉलर इंडेक्स में गिरावट रुपये को सपोर्ट दे सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी आर्थिक आंकड़े कमजोर हैं, जिससे डॉलर दबाव में है। रुपये में हल्की लेकिन सकारात्मक तेजी जारी रह सकती है।

Vikrant Shekhawat : Feb 23, 2025, 06:00 AM

10 फरवरी के बाद से भारतीय रुपया करेंसी मार्केट में मजबूत प्रदर्शन कर रहा है। जानकारों का मानना है कि यह डॉमिनेंस अगले हफ्ते भी जारी रह सकता है, लेकिन इसकी स्थिरता डॉलर इंडेक्स पर निर्भर करेगी। डॉलर इंडेक्स की कमजोरी रुपए को समर्थन दे सकती है, जिससे इसकी मजबूती जारी रहने की संभावना है।

डॉलर इंडेक्स में संभावित गिरावट

शुक्रवार को अमेरिका के आर्थिक आंकड़े कमजोर रहे, जिससे अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट आई।

  • जनवरी में स्वामित्व वाले घरों की बिक्री 4.9% घटी।

  • मिशिगन यूनिवर्सिटी का उपभोक्ता विश्वास सूचकांक फरवरी में गिर गया।

  • दीर्घकालिक महंगाई की उम्मीदें 1995 के बाद से उच्चतम स्तर पर हैं।

इन कारकों के चलते डॉलर इंडेक्स में और गिरावट देखने को मिल सकती है, जिससे रुपया लाभ कमा सकता है।

डॉलर इंडेक्स 107 से नीचे

मौजूदा समय में डॉलर इंडेक्स 107 से नीचे है और शुक्रवार को 106.64 पर बंद हुआ।

  • बीते महीने में 0.75% की गिरावट।

  • बीते तीन महीनों में 0.85% की गिरावट।

  • वर्ष 2024 में अब तक 1.7% की गिरावट।

विशेषज्ञों के अनुसार, अगले हफ्ते यह 105.80 से 106.20 के बीच रह सकता है।

रुपए में संभावित तेजी

रुपए में अगले हफ्ते मजबूती देखने को मिल सकती है क्योंकि:

  • डॉलर इंडेक्स में गिरावट रुपए को सपोर्ट देगी।

  • फिलहाल रुपया 86.68 प्रति डॉलर के स्तर पर है, जबकि 10 फरवरी को यह 88 के करीब था।

  • अब तक डेढ़ प्रतिशत से अधिक की रिकवरी दर्ज हो चुकी है।

रुपए की मौजूदा स्थिति

  • शुक्रवार को इंटरबैंक फॉरेन करेंसी मार्केट में रुपया चार पैसे गिरकर 86.68 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

  • विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी और घरेलू बाजार की कमजोरी से दबाव बना।

  • कच्चे तेल की नरमी ने गिरावट को कुछ हद तक रोका।

विशेषज्ञों की राय

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुज गुप्ता के अनुसार, "रुपए की चाल पूरी तरह से डॉलर पर निर्भर करेगी। अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों से डॉलर में गिरावट संभव है, जिससे रुपया लाभान्वित हो सकता है।"

मिराए एसेट शेयरखान के अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी का मानना है, "कमजोर घरेलू बाजार और एफआईआई बिकवाली से रुपया दबाव में रह सकता है। हालांकि, आरबीआई का हस्तक्षेप और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से इसे समर्थन मिल सकता है। डॉलर-रुपया हाजिर दर 86.50 से 87 के बीच रहने की संभावना है।"

निष्कर्ष

रुपए की चाल अगले हफ्ते डॉलर इंडेक्स के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करेगी। अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़े नकारात्मक आंकड़े जारी रहते हैं, तो डॉलर में कमजोरी से रुपया मजबूत बना रह सकता है। हालांकि, एफआईआई की बिकवाली और वैश्विक कारकों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। निवेशकों को सतर्कता बरतने और बाजार के रुझानों पर नजर बनाए रखने की जरूरत होगी।