Tech / Whatsapp की छुट्टी करेगा मेड इन इंडिया मैसेजिंग ऐप Sandes

वॉट्सऐप (WhatsApp) मैसेजिंग सर्विस का एक भारतीय विकल्प ‘Sandes’ जल्द भारत में दस्तक दे सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक इसकी टेस्टिंग सरकारी अधिकारियों द्वारा शुरू कर दी गई है. Sandes एक हिंदी शब्द है जिसका अर्थ 'संदेश' होता है. भारत सरकार ने इस ऐप को बनाने की बात पिछले साल कही थी और फिलहाल ये टस्टिंग फेज़ में है, और लगभग तैयार हो चुकी है.

Vikrant Shekhawat : Feb 10, 2021, 11:06 AM
वॉट्सऐप (WhatsApp) मैसेजिंग सर्विस का एक भारतीय विकल्प ‘Sandes’ जल्द भारत में दस्तक दे सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक इसकी टेस्टिंग सरकारी अधिकारियों द्वारा शुरू कर दी गई है. Sandes एक हिंदी शब्द है जिसका अर्थ 'संदेश' होता है. भारत सरकार ने इस ऐप को बनाने की बात पिछले साल कही थी और फिलहाल ये टस्टिंग फेज़ में है, और लगभग तैयार हो चुकी है. बताया जा रहा है कि शुरुआती दौर में इसे सरकारी अधिकारियों द्वारा ही इस्तेमाल किया जा रहा है और जल्द ही इसे सभी के लिए पेश कर दिया जाएगा. हालांकि भारत में ऐप के रोलआउट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन अगर आप gims.gov.in पेज पर जाते हैं, तो आप ‘sandes’ को देख सकते हैं. ये ऐप उन सभी फीचर्स के साथ आती है, जो कि किसी भी इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप में दी जाती है. इसमें यूज़र्स वॉइस और डेटा जैसे फीचर्स का इस्तेमाल कर सकेंगे.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की शाखा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र इस ऐप के बैंकएंड को संभालती है. रिपोर्ट के मुताबिक इसे एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लैटफॉर्म के लिए उपलब्ध कराया गया है. अगर यूज़र्स ऐप को LDAP द्वारा साइन-इन, OTP से साइन-इन और sandes web के ज़रिए साइन-इन करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें एक पॉप-अप मिलता है, जिसमें लिखा है, ‘ये ऑथेंटिकेशन तरीका अधिकृत सरकारी अधिकारियों के लिए लागू है.’

जानकारी के लिए बता दें कि पिछले महीने सरकार ने इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप से उसकी सर्विस और प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव को वापस लेने की बात कही थी, जो कि खास तौर पर भारतीय यूज़र्स लिए किया जा रहा था.

WhatsApp पर सरकार की सख्ती
केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा था कि वाट्सऐप द्वारा Privacy Policy को लेकर भारतीय और यूरोपीय यूज़र्स से अलग-अलग व्यवहार उसके लिए चिंता का विषय है. वॉट्सऐप अपनी नई पॉलिसी को 8 फरवरी से लागू करने वाली थी, लेकिन बाद में इसे आगे बढ़ा कर 15 मई कर दिया गया. वॉट्सऐप ने सफाई देते हुए बताया कि फेसबुक और वॉट्सऐप यूज़र्स की निजी बातों को नहीं देख सकते हैं, वह सेफ होती हैं, और एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन से प्रोटेक्टेड रहती हैं.