Vikrant Shekhawat : Apr 09, 2024, 09:01 AM
India-Saudi Arabia Relation: पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन दिनों अपने पहले विदेश दौरे पर सऊदी अरब में हैं. हालांकि कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब ने पाकिस्तान को झटका दे दिया है. बातचीत में सऊदी ने साफ-साफ कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है. इसके साथ ही सऊदी ने पीएम शहबाज को सलाह दी कि वह भारत से बातचीत करके इसका हल निकालें. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने साझा बयान में कश्मीर समेत अन्य लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया.कश्मीर समेत क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चायह बात एक संयुक्त बयान में कही गई जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी शासक प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच मक्का के अल-सफा पैलेस में हुई एक आधिकारिक बैठक के एक दिन बाद जारी किया गया. बयान के मुताबिक, उनकी चर्चा सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच भाईचारे वाले संबंधों को मजबूत करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के रास्ते तलाशने पर केंद्रित रही. बयान में कहा गया कि उन्होंने कश्मीर सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की.पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीतइसमें कहा गया, ‘दोनों पक्षों ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर विवाद को हल करने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया.’ नई दिल्ली का हमेशा यह रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है तथा किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या हस्तक्षेप का कोई सवाल ही नहीं है.नई दिल्ली और रियाद के बीच संबंधजबकि भारत और पाकिस्तान दोनों के सऊदी अरब सहित अरब देशों के साथ लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत नई दिल्ली और रियाद के बीच संबंधों में काफी सुधार हुआ है. सऊदी अरब ने जम्मू-कश्मीर पर संतुलित रुख बनाए रखा है. जबकि किंगडम ने अगस्त 2019 में भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर चिंता व्यक्त की थी, लेकिन उसने स्पष्ट रूप से कार्यों की निंदा नहीं की, इसके बजाय इसे नई दिल्ली का आंतरिक मामला बताया.भारत को मनाने का आग्रह2019 में, पाकिस्तान ने अमेरिका से कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान पर बातचीत शुरू करने के लिए भारत को मनाने का आग्रह किया. यह तब हुआ जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी. हालांकि, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह स्पष्ट कर दिया था कि इस मुद्दे पर कोई भी चर्चा, यदि आवश्यक हुई, केवल पाकिस्तान के साथ और केवल द्विपक्षीय रूप से होगी. भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा. दिल्ली ने कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ आतंक, शत्रुता और हिंसा मुक्त माहौल में सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है.
In a joint statement, Saudi Arabia and Pakistan stressed the importance of dialogue between Pakistan and India to resolve the outstanding issues between the two countries, (especially the Jammu and Kashmir dispute) to ensure peace and stability in the region. pic.twitter.com/rit3MNKsFY
— ANI (@ANI) April 9, 2024