Vikrant Shekhawat : Dec 20, 2020, 11:59 PM
नई दिल्ली: क्रिसमस (Christmas Day) से ठीक पहले ब्रिटेन (Britain) में कोरोना वायरस (Coronavirus) का नया वेरिएंट मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. आलम ये है कि कई इलाकों में ऐतिहातन सख्त लॉकडाउन लगाया जा चुका है. इस वायरस के खतरनाक प्रभावों को देखते हुए भारत सरकार ने भी चिंता जाहिर की है. रविवार देर शाम भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ज्वाइंट मॉनिटरिंग ग्रुप के साथ उच्च स्तरीय बैठक करते हुए कोरोना वायरस के इस नए सीक्वेंसिंग पर चर्चा की. इस तरह की आपदा भारत में आने से पहले ही इससे निपटने की योजना बनाने पर जोर बैठक में जोर दिया गया. बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना म्यूटेशन आने के बाद अचानक केस में बढ़ोतरी हुई है.
वायरस में म्युटेशनकिसी भी वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है. ज्यादातर वेरिएंट खुद ही म्यूटेट होने के बाद मर जाते हैं, लेकिन कभी-कभी वायरस म्यूटेट होने के बाद पहले से कई गुना ज्यादा मजबूत और खतरनाक होकर सामने आते हैं. ये प्रक्रिया इतनी जल्दी होती है कि वैज्ञानिकों को भी समझने और रिसर्च करने में समय लगता है और तब तक वायरस एक बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले चुका होता है. जैसा कि ब्रिटेन समेत कई देशों में दिख रहा है. 4 हजार बार हुआ वायरस में म्यूटेशनब्रिटेन के दिखे कोरोना के इस नए वेरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए दिल्ली एम्स में कोरोना सेंटर के हेड डॉ राजेश मल्होत्रा ने बताया कि जब से कोरोना वायरस आया है तब से 4 हजार बार म्यूटेट कर चुका है. हालांकि ये देखना होगा कि ब्रिटेन में बढ़ते हुए कोरोना के केसों का असल कारण क्या सच में वायरस की नई स्ट्रेन है या फिर कुछ और इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है.कम असरदार हो जाएगी वैक्सीन!अब वैज्ञानिक इस बात का पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या कोरोना वायरस के नये वेरिएंट के Genome में बदलाव हुआ है या नहीं. वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर बदलाव होता है तो वैक्सीन के कम असरदार होने का खतरा बढ़ जाएगा. हालांकि अभी तक कोरोना वायरस के जितने भी नए रूप मिले, उनकी जीनोम संरचना में कोई बदलाव नहीं दिखा है.
वायरस में म्युटेशनकिसी भी वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है. ज्यादातर वेरिएंट खुद ही म्यूटेट होने के बाद मर जाते हैं, लेकिन कभी-कभी वायरस म्यूटेट होने के बाद पहले से कई गुना ज्यादा मजबूत और खतरनाक होकर सामने आते हैं. ये प्रक्रिया इतनी जल्दी होती है कि वैज्ञानिकों को भी समझने और रिसर्च करने में समय लगता है और तब तक वायरस एक बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले चुका होता है. जैसा कि ब्रिटेन समेत कई देशों में दिख रहा है. 4 हजार बार हुआ वायरस में म्यूटेशनब्रिटेन के दिखे कोरोना के इस नए वेरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए दिल्ली एम्स में कोरोना सेंटर के हेड डॉ राजेश मल्होत्रा ने बताया कि जब से कोरोना वायरस आया है तब से 4 हजार बार म्यूटेट कर चुका है. हालांकि ये देखना होगा कि ब्रिटेन में बढ़ते हुए कोरोना के केसों का असल कारण क्या सच में वायरस की नई स्ट्रेन है या फिर कुछ और इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है.कम असरदार हो जाएगी वैक्सीन!अब वैज्ञानिक इस बात का पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या कोरोना वायरस के नये वेरिएंट के Genome में बदलाव हुआ है या नहीं. वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर बदलाव होता है तो वैक्सीन के कम असरदार होने का खतरा बढ़ जाएगा. हालांकि अभी तक कोरोना वायरस के जितने भी नए रूप मिले, उनकी जीनोम संरचना में कोई बदलाव नहीं दिखा है.