नागौर जिले में खींवसर थाने से भ्रष्टाचार के मामले में लाइन हाजिर करने के बाद एसआई केसरसिंह से मंगलवार देर रात एसीबी द्वारा लाखों की नगदी बरामदगी व अवैध शराब के मामले में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने नागौर एसपी की भूमिका की जांच की मांग की है। साथ ही प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा पुलिस तंत्र में बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। इधर, नागौर एसपी श्वेता धनखड़ ने एसआई केसरसिंह नरूका को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर विभागीय जांच नागौर एएसपी राजेश मीणा को सौंपी है। सांसद ने कहा एसआई केसरसिंह ने अजमेर जाने से पूर्व नागौर एसपी से भी मुलाकात की थी, ऐसे में एसपी की भूमिका पर भी संदेह बढ़ रहा है। साथ ही इतनी बड़ी अवैध रकम की वसूली बिना संरक्षण के करना असंभव प्रतीत होता है। उन्होंने मामले में ट्वीट के माध्यम से भी मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया। साथ ही एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी, एडीजी दिनेश एमएन व पूरी टीम को कार्रवई के लिए बधाई दी।
अपराधियों के हौसले बुलंद, पुलिस के तंत्र में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हुई
सांसद बेनीवाल ने कहा कि पिछले एक वर्ष में नागौर सहित प्रदेश में पुलिस के खुद के तंत्र में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हुई हैं, जिसके कारण थाना अधिकारी लाखों की वसूली करके अवैध कमाई कर रहे हैं और सरकार का नियंत्रण इस मामले को लेकर क्यों नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री को वक्तव्य देना चाहिए, क्योंकि वह मुख्यमंत्री के साथ-साथ प्रदेश के गृह मंत्रालय का भी जिम्मा संभाल रहे हैं !
इन घटनाओं में न्याय की मांग की
सांसद बेनीवाल ने जिले के मेड़ता क्षेत्र के निवासी व कृषि विभाग में एएओ पद पर कार्यरत चसणसिंह जाजड़ा नामक युवक की निर्मम हत्या कर देने के मामले में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से त्वरित प्रभाव से कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं जोधपुर पुलिस कमिश्नर से दूरभाष पर वार्ता कर घटना की गहनता से तफ्तीश करके दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के निर्देश दिए। बाड़मेर जिले के मंडली थाना क्षेत्र में 7 वर्षीय मासूम की बलात्कार करके हत्या कर देने के मामले में भी सख्त कार्रवाई करने की मांग की।