Uttarakhand / प्रदेश में 16 लाख घरों में लगेंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर, अब उपभोक्ताओं के मीटर की होगी रियल टाइम मॉनिटरिंग

जल्द ही प्रदेश के 16 लाख घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। केंद्र से सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद राज्य कैबिनेट की भी इस पर मुहर लग चुकी है। आदेश जारी होने के साथ ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर का काम आगे बढ़ जाएगा। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार के मुताबिक प्रदेश में करीब 26 से 27 लाख उपभोक्ता हैं।

जल्द ही प्रदेश के 16 लाख घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। केंद्र से सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद राज्य कैबिनेट की भी इस पर मुहर लग चुकी है। आदेश जारी होने के साथ ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर का काम आगे बढ़ जाएगा। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार के मुताबिक प्रदेश में करीब 26 से 27 लाख उपभोक्ता हैं।

इनमें से उद्योगों में तो स्मार्ट प्रीपेड मीटर पहले लग चुके हैं। एक से 75 किलोवाट क्षमता वाले करीब 18 लाख उपभोक्ता हैं। इनमें से करीब 16.50 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि सबसे पहले कॉमर्शियल और पांच किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के प्रतिष्ठानों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।

प्रति मीटर औसत छह हजार रुपये का खर्च आएगा, जिसमें से 22.5 प्रतिशत पैसा केंद्र से ग्रांट के तौर पर मिलेगा। बाकी पैसा मीटर लगाने वाली कंपनी को यूपीसीएल की ओर से प्रति मीटर प्रति माह के हिसाब से दस साल तक दिया जाएगा। उपभोक्ताओं को इस मीटर के लिए अलग से कोई खर्च नहीं देना होगा।

यूपीसीएल को सबकुछ पता चल जाएगा

स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद यूपीसीएल सभी उपभोक्ताओं पर नजर रख सकेगा। मसलन, कोई एक किलोवाट कनेक्शन वाला उपभोक्ता प्रतिमाह कितनी बिजली खपत कर रहा है। अगर उसकी खपत ज्यादा आएगी तो उस हिसाब से उसका बिजली कनेक्शन की क्षमता बढ़ाई जाएगी। यूपीसीएल को रियल टाइम में हर उपभोक्ता की जानकारी कंट्रोल रूम में मिल सकेगी। 

बिजली चोरी वाली जगहों पर पहले लगेंगे मीटर

प्रदेश में कई ऐसे शहर और गांव हैं, जो बिजली चोरी के लिए विख्यात हैं। इन सभी जगहों पर पहले चरण में प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। यूपीसीएल का मकसद बिजली चोरी को जल्द से जल्द नियंत्रित करना है। चूंकि मीटर प्रीपेड होंगे, इसलिए अगर कोई बिजली बिल का भुगतान नहीं करेगा तो उसका कनेक्शन काट दिया जाएगा।