Zee News : Jun 21, 2020, 06:16 AM
नई दिल्ली: 21 जून को चूड़ामणि या कंकण सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2020) लगने जा रहा है। खास बात यह है यह वह दिन होता है, जिसमें दिन सबसे बड़ा होता है। साल के पहले सूर्यग्रहण का वैज्ञानिक और ज्योतिषी महत्व भी है। जानिए क्या यह सूर्यग्रहण कोरोना को कर देगा खत्म? जानिए इस सूर्यग्रहण से देश पर क्या पड़ेगा असर?
दिल्ली के नेहरु प्लेनेटेरियम से जुड़े खगोल वैज्ञानिक ओपी गुप्ता के अनुसार, 21 जून को सुबह 9:15 पर चंद्रमा, सूर्य की ओर बढ़ेगा और उसको 98 प्रतिशत तक ढंक लेगा। इस घटना के कारण चंद्रमा के आसपास सूर्य का चमकदार प्रकाश दिखाई देगा जो कि अंगूठीनुमा होगा। इसे रिंग्स ऑफ फायर भी कहा जा सकता है। 12 बजकर 10 मिनट पर रिंग्स ऑफ फायर बनेगा और 3 बजकर 4 मिनट पर ग्रहण खत्म हो जाएगा। ज्योतिष आचार्य संजय शर्मा के अनुसार, कंगन के आकार की आकृति सूर्य की दिखाई देगी, ऐसा चंद्रमा की वजह से होगा। इसे खग्रास सूर्यग्रहण कहते हैं। इसे कंकणाकृती सूर्यग्रहण के नाम से भी जाना जाता है। यह सूर्यग्रहण कुछ राशियों के लिए खराब है- जैसे मिथुन, कन्या, मकर, वृष, कुंभ और तुला। आपके नाम के अक्षर से राशि तय होती है। कुछ राशि वालों के लिए यह अच्छा है जैसे- मेष।
क्या सूर्यग्रहण से खत्म होगा कोरोना?ग्रहण के समय मृगशिरा नक्षत्र होने से कुछ अशुभ योग हैं। इस समय गुरू और शनि वक्री हैं। इसके अलावा गुरू का नीच होना भी चिंता का विषय है। इससे धरती पर धन, जल और अन्न में कमी आती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, कोरोना फिलहाल नहीं जाएगा। महामारी के सितंबर के बाद ही कम होने की उम्मीद है।
चीन के साथ कैसे रहेगी स्थिति?ज्योतिषाचार्य के अनुसार, चीन के साथ युद्ध नहीं होगा। हालांकि मंगल मीन राशि में है इसलिए बल दिखाने जैसी नौबत जरूर होगी लेकिन कालसर्प योग भी है। इससे अगर मान लो छोटा-मोटा झगड़ा युद्ध जैसी स्थिति हो भी जाए तो भारत जीतेगा। हालांकि युद्ध नहीं होगा। चीन की राशि मीन है उस पर संकट के बादल हैं, वह डिप्लोमेटिक जवाब दे रहा है। भारत को 21 जुलाई तक थोड़ा बातचीत करते रहना चाहिए उसके बाद अच्छा समय है। पाकिस्तान और नेपाल के लिए खराब समय है। नेपाल के लिए अगले 5 महीने बहुत चिंताजनक हैं।
कहां दिखेगा सूर्यग्रहणजानकारी के अनुसार, साल का पहला सूर्यग्रहण दिल्ली में सिर्फ 92% ही दिखाई देगा। राजस्थान, उत्तराखंड और हरियाणा के कुछ इलाकों जैसे श्रीगंगानगर, कुरुक्षेत्र, सिरसा और देहरादून में पूरा दिखाई देगा।
क्या होता है सूर्यग्रहणसमर सोलिस्टिस के कारण दिन में ग्रहण लग रहा है। Elliptical Path में चलते हुए पृथ्वी और सूर्य कई बार नजदीक आते हैं, और कई बार दूर जाते हैं। इस समय सूर्य की दूरी ज्यादा है। सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो हम उसे सूर्यग्रहण कहते हैं।
दिल्ली के नेहरु प्लेनेटेरियम से जुड़े खगोल वैज्ञानिक ओपी गुप्ता के अनुसार, 21 जून को सुबह 9:15 पर चंद्रमा, सूर्य की ओर बढ़ेगा और उसको 98 प्रतिशत तक ढंक लेगा। इस घटना के कारण चंद्रमा के आसपास सूर्य का चमकदार प्रकाश दिखाई देगा जो कि अंगूठीनुमा होगा। इसे रिंग्स ऑफ फायर भी कहा जा सकता है। 12 बजकर 10 मिनट पर रिंग्स ऑफ फायर बनेगा और 3 बजकर 4 मिनट पर ग्रहण खत्म हो जाएगा। ज्योतिष आचार्य संजय शर्मा के अनुसार, कंगन के आकार की आकृति सूर्य की दिखाई देगी, ऐसा चंद्रमा की वजह से होगा। इसे खग्रास सूर्यग्रहण कहते हैं। इसे कंकणाकृती सूर्यग्रहण के नाम से भी जाना जाता है। यह सूर्यग्रहण कुछ राशियों के लिए खराब है- जैसे मिथुन, कन्या, मकर, वृष, कुंभ और तुला। आपके नाम के अक्षर से राशि तय होती है। कुछ राशि वालों के लिए यह अच्छा है जैसे- मेष।
क्या सूर्यग्रहण से खत्म होगा कोरोना?ग्रहण के समय मृगशिरा नक्षत्र होने से कुछ अशुभ योग हैं। इस समय गुरू और शनि वक्री हैं। इसके अलावा गुरू का नीच होना भी चिंता का विषय है। इससे धरती पर धन, जल और अन्न में कमी आती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, कोरोना फिलहाल नहीं जाएगा। महामारी के सितंबर के बाद ही कम होने की उम्मीद है।
चीन के साथ कैसे रहेगी स्थिति?ज्योतिषाचार्य के अनुसार, चीन के साथ युद्ध नहीं होगा। हालांकि मंगल मीन राशि में है इसलिए बल दिखाने जैसी नौबत जरूर होगी लेकिन कालसर्प योग भी है। इससे अगर मान लो छोटा-मोटा झगड़ा युद्ध जैसी स्थिति हो भी जाए तो भारत जीतेगा। हालांकि युद्ध नहीं होगा। चीन की राशि मीन है उस पर संकट के बादल हैं, वह डिप्लोमेटिक जवाब दे रहा है। भारत को 21 जुलाई तक थोड़ा बातचीत करते रहना चाहिए उसके बाद अच्छा समय है। पाकिस्तान और नेपाल के लिए खराब समय है। नेपाल के लिए अगले 5 महीने बहुत चिंताजनक हैं।
कहां दिखेगा सूर्यग्रहणजानकारी के अनुसार, साल का पहला सूर्यग्रहण दिल्ली में सिर्फ 92% ही दिखाई देगा। राजस्थान, उत्तराखंड और हरियाणा के कुछ इलाकों जैसे श्रीगंगानगर, कुरुक्षेत्र, सिरसा और देहरादून में पूरा दिखाई देगा।
क्या होता है सूर्यग्रहणसमर सोलिस्टिस के कारण दिन में ग्रहण लग रहा है। Elliptical Path में चलते हुए पृथ्वी और सूर्य कई बार नजदीक आते हैं, और कई बार दूर जाते हैं। इस समय सूर्य की दूरी ज्यादा है। सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो हम उसे सूर्यग्रहण कहते हैं।