NDTV : Aug 31, 2019, 03:55 PM
पटना: बिहार में एनडीए सरकार के गठन में और लालू -रबड़ी शासन के ख़ात्मे में पूर्व वित मंत्री अरुण जेटली की अहम भूमिका रही है. उनके निधन के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को घोषणा की उनकी आदमक़द प्रतिमा पटना में लगाने के अलावा उनका जन्मदिवस राजकीय समारोह के रूप में मनाया जायेगा. शनिवार को पटना में एनडीए की ओर से एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस मौके पर नीतीश कुमार ने बिहार में एनडीए सरकार के गठन में उनकी भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि उनके साथ उनका एक विशेष सम्बंध रहा है ख़ासकर जब बिहार के भाजपा के प्रभारी बने और विधानसभा के दो चुनाव हुए उसमें उनकी भूमिका कोई नहीं भुला नहीं सकता.
नीतीश ने कहा कि विपरीत परिस्थिति में हालात को संभालने में अरुण जेटली की तुलना प्रख्यात समाजवादी मधु दंडवते से की. बिहार के सीएम ने कहा कि भले ही वो बिहार के रहने वाले नहीं थे लेकिन बिहारियों के प्रति उनका प्रेम और सद्भाव कुछ अधिक था. विरोधियों से भी जो संवाद करने की कला अरुण जेटली में थी. उसके अलावा खुल कर बातें करना और तबियत ख़राब रहने के बावजूद उनकी याददाश्त पर ना कोई असर दिखा और न वो परेशान दिखे.जीएसटी पर अरुण जेटली के साथ अपने अनुभव की चर्चा करते हुए बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि ये उनके प्रयासों का फल है कि जीएसटी काउन्सिल में कभी किसी भी विषय पर वोटिंग नहीं हुई और सभी बातों का समाधान चर्चा कर निकाला गया. वहीं जनता दल के आरसीपी सिंह ने कहा कि उनको असली श्रद्धांजलि देने के लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में 2010 से भी बड़ा जनादेश हासिल कर संकल्प लिया जाये.
नीतीश ने कहा कि विपरीत परिस्थिति में हालात को संभालने में अरुण जेटली की तुलना प्रख्यात समाजवादी मधु दंडवते से की. बिहार के सीएम ने कहा कि भले ही वो बिहार के रहने वाले नहीं थे लेकिन बिहारियों के प्रति उनका प्रेम और सद्भाव कुछ अधिक था. विरोधियों से भी जो संवाद करने की कला अरुण जेटली में थी. उसके अलावा खुल कर बातें करना और तबियत ख़राब रहने के बावजूद उनकी याददाश्त पर ना कोई असर दिखा और न वो परेशान दिखे.जीएसटी पर अरुण जेटली के साथ अपने अनुभव की चर्चा करते हुए बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि ये उनके प्रयासों का फल है कि जीएसटी काउन्सिल में कभी किसी भी विषय पर वोटिंग नहीं हुई और सभी बातों का समाधान चर्चा कर निकाला गया. वहीं जनता दल के आरसीपी सिंह ने कहा कि उनको असली श्रद्धांजलि देने के लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में 2010 से भी बड़ा जनादेश हासिल कर संकल्प लिया जाये.