Vikrant Shekhawat : Dec 01, 2020, 09:52 PM
नई दिल्ली। जमीन पर अपनी ताकत को बढ़ाने के बाद, भारत लगातार समुद्री ताकत में इजाफा कर रहा है। इसी कड़ी में भारतीय नौसेना (Indian Navy) को एक और कामयाबी मिली है। भारतीय नौसेना ने मंगलवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos supersonic cruise missile) के एंटी शिप वर्जन का सफल परीक्षण किया है। भारत की सबसे खतरनाक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण बंगाल की खाड़ी में किया गया है। इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को INS रणविजय से लॉन्च किया गया।यह मिसाइल नौसैनिक जहाज आईएनएस रणविजय से दागी गई और इसने अंडमान-निकोबार द्वीप पर एक अन्य वीरान द्वीप पर लगाए गए टारगेट को ध्वस्त कर दिया गया। यह परीक्षण हथियार के नियोजित परीक्षणों की श्रृंखला के हिस्से के तहत किया गया था। मिसाइल के सतह पर मार करने में सक्षम इस नए संस्करण की मारक क्षमता को मूल 290 किमी से बढ़ाकर 400 किमी तक किया गया है, लेकिन इसकी गति 2।8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुनी कायम रखी गई है।भारत के लिए क्यों खास है ब्रह्मोस मिसाइल?भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एरोस्पेस ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्माण किया है। इन मिसाइलों को पनडुब्बी, जहाज या जमीनी प्लेटफॉर्म से छोड़ा जा सकता है। मिसाइल के जमीन से छोड़े जाने वाले संस्करण की रेंज को भी 400 किलोमीटर तक बढ़ाया गया है।रणनीतिक स्थानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनातीभारत, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात कर चुका है। पिछले ढाई महीने में भारत ने एंटी-रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-एक, समेत कई मिसाइलों का परीक्षण किया है। रूद्रम-एक को सेवा में 2022 तक शामिल किए जाने की संभावना है।पहले किया था सुखोई का परीक्षणभारतीय वायु सेना ने 30 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में सुखोई लड़ाकू विमान से मिसाइल का परीक्षण किया था। वायु सेना अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए 40 से ज्यादा सुखोई लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को शामिल करने वाला है।