News18 : Jul 10, 2020, 07:51 AM
नई दिल्ली। चीन से आने वाले आयात पर रोक और एंटी चाइना सेंटीमेंट (Anti-China sentiment) के चलते अब मोबाइल एक्सेसरीज के दाम भी बढ़ने लगे हैं। मोबाइल एक्सेसरीज जैसे चार्जर, स्क्रीन गार्ड, कवर, केबल का 70-80 फीसदी आयात चीन से होता है। अब इनके दामों में 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। चीन के सामान का ऑर्डर रद्द कर दिया गया है। इसके पहले लॉकडाउन के 2 महीने के दौरान भी सामानन का आयात नहीं हुआ है।
कई व्यापारियों ने मौजूदा समय में एंटी-चाइना सेंटीमेंट को देखते हुए पहले के ऑर्डर्स को रद्द कर दिया है। एक व्यापारी ने कहा, 'अब सरकार ने कंपोनेन्ट्स और एक्सेसरीज को क्लियर कर दिया है। पर इसका एक सीधा असर बाजार पर पड़ा है। आज मोबाइल फोन्स जीएसटी बढ़ने और इंपोर्ट रुकने के कारण 10 से 15 फीसदी तक महंगे हो चुके हैं। अभी भी बाजार में एक्सेसरीज की कमी है और बहुत सी चीजें उपलब्ध ही नही है, जिसके कारण कुछ एक्सेसरीज की कीमतों 40 से 50 फीसदी तक महंगी हो चुकी हैं।'रुपया लुढ़कने का भी असर
डॉलर के मुकाबले रुपये के भाव घटने से भी कच्चे माल के दाम बढ़ गये हैं। ऐसे में मोबाइल के बाद अब ये एक्सेसरीज कंज्यूमर की जेब पर बोझ डाल रहे हैं।जरूरी सामानों का आयात गलत नहींउल्लेखनीय है कि चीन से आयात को लेकर पिछले सप्ताह ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा था, 'ऐसे आयात में कोई गलती नहीं है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिल सके और रोजगार के मौके उत्पन्न हों। यह निश्चित रूप से होना चाहिए। हालांकि, ऐसे आयात जो न तो रोजगार बढ़ाने में मदद करते हैं और न ही ग्रोथ को सपोर्ट करते हैं, इससे आत्मनिर्भरता और भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा नहीं होगा।इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि हर साल गणेश चतुर्थी के मौके पर लोकल कुम्हारों से ही पारंपरिक तौर पर गणेश मूर्ति खरीदा जाता है। लेकिन, आज इसे भी चीन से आयात किया जा रहाह है। यह स्थिति क्यों है? क्या हम अपने घरेलू स्तर पर गणेश मूर्ति नहीं बना सकते हैं।
कई व्यापारियों ने मौजूदा समय में एंटी-चाइना सेंटीमेंट को देखते हुए पहले के ऑर्डर्स को रद्द कर दिया है। एक व्यापारी ने कहा, 'अब सरकार ने कंपोनेन्ट्स और एक्सेसरीज को क्लियर कर दिया है। पर इसका एक सीधा असर बाजार पर पड़ा है। आज मोबाइल फोन्स जीएसटी बढ़ने और इंपोर्ट रुकने के कारण 10 से 15 फीसदी तक महंगे हो चुके हैं। अभी भी बाजार में एक्सेसरीज की कमी है और बहुत सी चीजें उपलब्ध ही नही है, जिसके कारण कुछ एक्सेसरीज की कीमतों 40 से 50 फीसदी तक महंगी हो चुकी हैं।'रुपया लुढ़कने का भी असर
डॉलर के मुकाबले रुपये के भाव घटने से भी कच्चे माल के दाम बढ़ गये हैं। ऐसे में मोबाइल के बाद अब ये एक्सेसरीज कंज्यूमर की जेब पर बोझ डाल रहे हैं।जरूरी सामानों का आयात गलत नहींउल्लेखनीय है कि चीन से आयात को लेकर पिछले सप्ताह ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा था, 'ऐसे आयात में कोई गलती नहीं है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिल सके और रोजगार के मौके उत्पन्न हों। यह निश्चित रूप से होना चाहिए। हालांकि, ऐसे आयात जो न तो रोजगार बढ़ाने में मदद करते हैं और न ही ग्रोथ को सपोर्ट करते हैं, इससे आत्मनिर्भरता और भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा नहीं होगा।इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि हर साल गणेश चतुर्थी के मौके पर लोकल कुम्हारों से ही पारंपरिक तौर पर गणेश मूर्ति खरीदा जाता है। लेकिन, आज इसे भी चीन से आयात किया जा रहाह है। यह स्थिति क्यों है? क्या हम अपने घरेलू स्तर पर गणेश मूर्ति नहीं बना सकते हैं।