Vikrant Shekhawat : Jun 11, 2024, 12:30 PM
NEET-UG 2024: नीट (NEET) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने NTA को नोटिस जारी है. शीर्ष अदालत ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है. ऐसे में NTA से जवाब बनता है. एनटीए को जवाब देना होगा. कोर्ट ने फिलहाल काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. मामले में अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी. कोर्ट ने NTA को नोटिस जारी किया और पहले से लंबित याचिका के साथ टैग किया.नीट परीक्षा (NEET 2024) परिणाम में कथित गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी. याचिका में 1 हजार 563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देने के फैसले को चुनौती दी गई है. याचिका में परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है. नीट परीक्षा में एक साथ 67 स्टूडेंट्स ने टॉप किया है. इस परीक्षा में हुई धांधली को लेकर सोमवार को बड़ी संख्या में छात्रों ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया.NEET परीक्षा में एक साथ निकले 67 टॉपरNEET UG 2024 का रिजल्ट 4 जून को जारी किया गया था. कई छात्रों का रिजल्ट ऑनलाइन शो नहीं हो रहा था. कई छात्रों के नंबर कम थे. OMR शीट के मुताबिक जितने नंबर मिलने चाहिए थे उतने नहीं मिले. एक साथ 67 टॉपर निकले. आरोप ये भी है कि OMR शीट फाड़ी गई. नीट में हुए स्कैम को लेकर लखनऊ की आयुषी पटेल ने बताया कि 4 जून को उसका रिजल्ट शो नहीं हो रहा था, फिर उसे NTA से मेल आया, जिसमें बताया गया कि उसकी OMR शीट फटी हुई है लेकिन फोटो में साफ तौर पर दिख रहा है कि OMR शीट को जानबूझकर फाड़ा गया है.NEET एग्जाम में धांधली पर NTA का बयानउधर, एनटीए ने परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली होने से साफ इनकार किया है. ग्रेस मार्क्स को लेकर एनटीए का कहना है कि कुछ एग्जाम सेंटर्स पर लॉस ऑफ टाइम की वजह से कुछ कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. एनटीए ने शनिवार को कहा था कि शिक्षा मंत्रालय ने 1500 से अधिक उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय पैनल का गठन किया है.नीट रिजल्ट में धांधली को लेकर राजनीति तेजनीट परीक्षा रिजल्ट में धांधली को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी नेताओं ने परीक्षा में एक साथ 67 छात्रों के टॉप करने पर सवाल खड़े किए हैं. नेताओं का कहना है कि इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखने को मिला जब एक, दो, तीन नहीं बल्कि एक साथ 67 उम्मीदवार टॉप किए हैं. राहुल गांधी ने कहा कि परीक्षा में गड़बड़ी के कारण 24 लाख से अधिक छात्रों को नुकसान पहुंचा है. इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे. वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार को गंभीरता से इन गड़बड़ियों को सुधारने के लिए कदम उठाने होंगे.SC के फैसले पर क्या बोले फिजिक्स वाला के CEOसुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फिजिक्स वाला के सीईओ अलख पांडे ने कहा कि नीट नतीजों के पहले का एक PIL था. उसके लिए कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया है. ये मुद्दा केवल पेपर लीक का था क्योंकि उस समय नतीजे नहीं आए थे. एनटीए से इसके लिए जवाब मांगा गया है. 8 जुलाई को इसको देखा जाएगा. हमारा मुद्दा कल लिस्ट होगा. इस सुनवाई में ग्रेस नंबर की कोई बात नहीं हुई है. हमने जो PIL की है उसमें ग्रेस नंबर और पेपर लीक दोनों की बात की है. नीट परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ी की SIT जांच की भी मांग की गई है.क्या है पूरा मामलायाचिका शिवांगी मिश्रा और नौ स्टूडेंट्स ने रिजल्ट की घोषणा से पहले ही 1 जून को दायर की गई थी (शिवांगी मिश्रा और अन्य बनाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और अन्य डायरी नंबर 25656/2024)।इसके बाद जब 4 जून को रिजल्ट घोषित हुआ, तब इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में कुछ और याचिकाएं भी दायर की गई हैं, जिसमें कई कैंडिडेट को ग्रेस-अंक देने के नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के फैसले पर सवाल उठाया गया है। हालांकि, वे याचिकाएँ, जो नतीजों की घोषणा के बाद दायर की गई थीं, आज सूचीबद्ध नहीं हैं।NEET-UG में ग्रेस अंक विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस याचिका में रिजल्ट वापस लेने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स देना NTA का मनमाना फैसला है। स्टूडेंट्स को 718 या 719 मार्क्स देने का कोई मैथमेटिकल आधार नहीं है।ये याचिका स्टूडेंट वेलफेयर के लिए काम करने वाले अब्दुल्लाह मोहम्मद फैज और डॉक्टर शेख रोशन ने दायर की थी। ये दोनों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में स्टूडेंट्स के लिए काम करते हैं।इसके साथ ही देश भर में NEET-UG 2024 को लेकर अलग-अलग राज्यों में लगभग 20 हजार स्टूडेंट्स ने याचिका दायर की थीं, जिसमें परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की गई थी।ग्रेस मार्क्स के खिलाफ दायर की गई याचिकायाचिका में कहा गया है कि NTA ने अब तक ये नहीं बताया कि उन्होंने स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स देने के लिए क्या तरीका अपनाया है। वहीं, एग्जाम के पहले NTA की तरफ से जारी की गई इन्फॉर्मेशन बुलेटिन में भी ग्रेस मार्क्स देने के प्रावधान का जिक्र नहीं किया गया था। ऐसे में कुछ कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स देना सही नहीं है।