नई दिल्ली / अयोध्या मामले पर कल सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद ज़मीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ शनिवार सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी। बेंच के सामने रोज़ाना आधार पर 40 दिन जिरह चली, जो सुप्रीम कोर्ट के इतिहास की दूसरी सबसे लंबी सुनवाई है। इस बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, एस.ए. बोबड़े, डी.वाई. चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस. अब्दुल नज़ीर शामिल हैं।

Live Hindustan : Nov 08, 2019, 09:49 PM
सुप्रीम कोर्ट कल यानि शनिवार को दशकों पुरान अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाएगा। न्यूज एजेंसी एएनआई ने ये जानकारी दी है। खबर है कि ये फैससला सुबह 10 बजे सुनाया जाएगा। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अलर्ट रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। आज ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह अन्य सीनियर अधिकारियों के बीच बैठक हुई।

भारत के सबसे संवेदनशील, धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों में से एक राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ शनिवार को फैसला सुनाएगी। ये फैसला मुख्य न्यायाधीश गोगोई द्वारा उत्तर प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों से राज्य में कानून-व्यवस्था की तैयारियों को पूरा करने के घंटों बाद किया गया। गोगोई के अलावा इस संविधानिक पीठ में एसए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नाज़ेर जैसे न्यायाधीश शामिल हैं।

गौरतलब है कि अयोध्या विवाद में पहली बार हिंसा 1853 में हुई और कुछ सालों में ही मामला गहरा गया। 1885 में विवाद पहली बार जिला न्यायालय पहुंचा। निर्मोही अखाड़े के महंत रघुबर दास ने फैजाबाद कोर्ट में मस्जिद परिसर में मंदिर बनवाने की अपील की पर कोर्ट ने मांग खारिज कर दी। इसके बाद सालों तक यह मामला चलता रहा है। 1934 फिर दंगे हुए और मस्जिद की दीवार और गुंबदों को नुकसान पहुंचा। 

ब्रिटिश सरकार ने दीवार और गुंबदों को फिर से बनवाया। कहा जाता है कि 1949 में मस्जिद में श्रीराम की मूर्ति मिली। इस पर विरोध व्यक्त किया गया और मस्जिद में नमाज पढ़ना बंद कर दिया गया। फिर दोनों पक्षों ने लोग कोर्ट पहुंच गए। इसपर सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर ताला लगवाया दिया।