Solar Eclipse 2020 / कल होगा सूर्य ग्रहण, सूतक से लेकर ग्रहण तक का समय, जानिए सब कुछ

21 जून को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। इसमें चंद्रमा सूर्य का करीब 99 प्रतिशत भाग ढक लेगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण में सूर्य कंगन की भांति दिखाई देगा। इसमें सूर्य का सबसे सबसे बाहरी हिस्सा दिखाई देगा जबकि बीच का हिस्सा चंद्रमा के द्वारा छिप जाएगा। भारत में सूर्य ग्रहण का समय अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होगा।

AMAR UJALA : Jun 20, 2020, 01:25 PM
Solar Eclipse 2020 Date Timing in India: 21 जून को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। इसमें चंद्रमा सूर्य का करीब 99 प्रतिशत भाग ढक लेगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण में सूर्य कंगन की भांति दिखाई देगा। इसमें सूर्य का सबसे सबसे बाहरी हिस्सा दिखाई देगा जबकि बीच का हिस्सा चंद्रमा के द्वारा छिप जाएगा। यह सूर्य ग्रहण भारत समेत कई एशिया के देशों और अफ्रीका में जैसे नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया में दिखाई देगा। भारत में देहरादून, सिरसा तथा टिहरी में वलयाकार जबकि देश के बाकी हिस्सों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।

सूर्य ग्रहण का समय Solar Eclipse 2020 Timing in India

भारत में सूर्य ग्रहण का समय अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होगा। दिल्ली में सूर्य ग्रहण की शुरुआत सुबह 10 बजकर 20 मिनट के आस पास आरंभ हो जाएगा और दोपहर 1 बजकर 49 मिनट समाप्त हो जाएगा। सूर्य ग्रहण दोपहर 12 बजकर 2 मिनट के करीब चरम पर होगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई देने के कारण इसका सूतक मान्य रहेगा। सूर्य ग्रहण में सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाता है। ऐसे में ग्रहण के एक दिन पहले यानी 20 जून की रात 9 बजकर 52 मिनट से सूतक लग जाएगा और ग्रहण की सामाप्ति पर यह खत्म होगा।

क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण तीन तरह का होता है। पूर्ण, वलयाकार और आंशिक सूर्य ग्रहण। जब चंद्रमा पूरी तरह से सूरज को ढ़क लेता है तब पृथ्वी पर अंधेरा छा जाता है।इस स्थिति में ग्रहण को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है। आंशिक सूर्य ग्रहण- जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढ़क पाता तो इसे खंडग्रास या आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है वलयाकार सूर्य ग्रहण- वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य का करीब 99 प्रतिशत भाग ढक लेता है और सूर्य का कुछ बाहरी हिस्सा ही दिखाई देता है। इसमें सूर्य का बाहरी हिस्सा गोलाई में एक चमकदार कंगन की तरह दिखाई देता है और बीच के हिस्सा में छाया रहती है। इसे ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।

कब होता है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य और पृथ्वी की बीच में चंद्रमा आ जाता है और पृथ्वी पर चंद्रमा की छाया पड़ती है। इस दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीन एक सीध में आ जाते हैं। 21 जून को जो सूर्य ग्रहण होगा वह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा।

सूतक का समय

यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा ऐसे में सूतक काल मान्य रहेगा। सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस ग्रहण का सूतक 20 जून की रात 9 बजकर 52 मिनट से शुरू हो जाएगा और ग्रहण के अंत पर खत्म हो जाएगा। सूतक के समय को अशुभ माना गया है इसमें किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता।

सूर्य ग्रहण पर न करें इन कामों को

शास्त्रों में ग्रहण के समय को अशुभ माना गया है ऐसे में ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता। ग्रहण के दौरान मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण में शरीर पर तेल की मालिश नहीं करनी चाहिए। ग्रहण के दौरान और सूतक काल के शुरू होने पर खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालना चाहिए।

ग्रहण के बाद क्या करें

ग्रहण के खत्म होने के बाद नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। फिर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करके भगवान का स्नान करा कर पूजा-पाठ करना चाहिए।