बंगाल चुनाव / शुभेंदु के पिता व टीएमसी सांसद शिशिर अधिकारी अमित शाह की रैली में बीजेपी में शामिल

बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के पिता व टीएमसी सांसद शिशिर अधिकारी रविवार को पश्चिम बंगाल में गृह मंत्री अमित शाह की रैली के दौरान बीजेपी में शामिल हो गए। शिशिर ने कहा, "बंगाल को अत्याचारों से बचाओ, हम आपके साथ हैं, हमारा परिवार आपके साथ है...जय सिया राम, जय भारत।" शुभेंदु मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

Vikrant Shekhawat : Mar 21, 2021, 02:52 PM
कोलकाता: एक समय ममता बनर्जी के खासमखास रहे शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी भी भाजपाई बन गए हैं। गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में शिशिर ने बीजेपी का दामन थाम लिया। शुभेंदु पहले ही भगवा पार्टी के झंडे तले आ गए थे, लेकिन उनके पिता का तृणमूल में बने रहना बीजेपी को लगातार खटक रहा था। पार्टी के थिंक टैंक को लगता था कि इससे बंगाल के लोगों के बीच में गलत संदेश जा रहा है।

2009, 2014, 2019 के चुनाव में कांथी लोकसभा सीट जीतने वाले शिशिर तृणमूल कोटे से यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार में राज्यमंत्री रहे हैं। शुभेंदु के भाई दिव्येन्दु अधिकारी तामलुक लोकसभा सीट से सांसद हैं। लेकिन शुभेंदु के बीजेपी में शामिल होने के बाद ममता बनर्जी अधिकारी परिवार से दूरी बनाने लगी थीं। शिशिर अधिकारी को तृणमूल कांग्रेस के पूर्वी मिदनापुर जिला अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। उन्हें तृणमूल जिला कोर समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें दीघा-शंकरपुर विकास प्राधिकरण से भी हटा दिया गया था।

शिशिर ने एक बार कहा था कि जब से उनका बेटा शुभेंदु बीजेपी में गया है, तृणमूल के लोग उनसे बात तक नहीं करते। मीटिंग में भी नहीं बुलाते। टीएमसी से उनका संपर्क कटा हुआ है। शुभेंदु 2009 से 2016 तक बंगाल विधानसभा के सदस्य रहे थे। 2016 का उपचुनाव जीतकर वह लोकसभा सदस्य बने। ममता ने उन्हें बंगाल का मंत्री बनाया था। शुभेंदु अधिकारी पिछले साल दिसंबर में भगवा ब्रिगेड में शामिल हुए थे।

शिशिर के बीजेपी में जाने की अटकलें लंबे समय से लगाई जा रही थीं। एक बार उन्होंने खुद कहा था कि वह अपने बेटे का समर्थन करेंगे। शिशिर का यहां तक कहना था कि अगर बेटा कहता है कि वह बीजेपी ज्वाइन करें, तो ऐसा ही होगा। 24 मार्च को बंगाल के कांथी में पीएम मोदी की रैली के दौरान शिशिर के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ।

सूत्रों का कहना है कि नंदीग्राम इलाके में अधिकारी परिवार का सिक्का चलता है। क्षेत्र की नगरपालिका, नगर पंचायत पर अधिकारी परिवार का वर्चस्व है। यही वजह है कि बीजेपी सारे अधिकारी परिवार को अपने पाले में खींच रही है। उसे पता है कि इन लोगों में से एक भी अगर तृणमूल के साथ रहा तो खेल बिगड़ जाएगा। उधर, शुभेंदु ने दावा किया है कि वह नंदीग्राम में ममता बनर्जी को 50 हजार से अधिक वोटों से हराएंगे।