PM Modi America Tour / तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण, रक्षा सौदे... भारत के लिए राष्ट्रपति ट्रंप का क्या-क्या ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में हैं, जहाँ उनकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने कई अहम समझौते किए। ट्रंप ने मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की घोषणा की। इसके साथ ही, अमेरिका ने F-35 लड़ाकू विमान भारत को देने की सहमति दी।

PM Modi America Tour: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्तमान अमेरिका यात्रा के दौरान वाशिंगटन डीसी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी एक गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते हुए, जिसमें एक प्रमुख घोषणा यह थी कि मुंबई हमलों के गुनहगार तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पण किया जाएगा।

राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पीएम मोदी को एक पुस्तक "अवर जर्नी टुगेदर" भेंट की। यह मुलाकात ट्रंप के राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण के बाद पहली आधिकारिक बैठक थी। 

तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण

मुलाकात के बाद ट्रंप ने घोषणा की कि उनका प्रशासन 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में शामिल तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे चुका है। राणा, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, फिलहाल लॉस एंजिल्स के महानगरीय हिरासत केंद्र में बंद है। ट्रंप ने कहा, "उसे भारत में न्याय का सामना करना पड़ेगा।"

सैन्य सहयोग

इसके अलावा, अमेरिका ने भारत को F-35 लड़ाकू विमान प्रदान करने का प्रस्ताव रखा, जिसे एक बड़ी सैन्य बिक्री के तौर पर देखा जा रहा है। ट्रंप ने भारत-अमेरिका की सैन्य साझेदारी को और मजबूत करने का वादा किया और कहा कि दोनों देशों के बीच "खास बंधन" है।

आर्थिक और ऊर्जा सहयोग

ट्रंप और मोदी ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भी समझौता किया, जिससे अमेरिका भारत को तेल और गैस का प्रमुख सप्लायर बन सकता है। इसके अलावा, दोनों नेताओं ने वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिलकर काम करने की वचनबद्धता जताई।

आर्थिक गलियारा और अन्य

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के विकास पर भी सहमति बनी, जिसे ट्रंप ने "सबसे महान ट्रेड रूट" कहा। इसके अलावा, परमाणु प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय कानूनों में सुधार की बात भी उठी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में दोनों देशों के सहयोग को एक बेहतर दुनिया के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण बताया और अगले दशक के लिए एक रक्षा सहयोग ढांचे की तैयारी की बात कही।