Tahawwur Rana News: अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की आपातकालीन अर्जी को खारिज कर दिया है। राणा ने अपने प्रत्यर्पण का विरोध करते हुए दलील दी थी कि यदि उसे भारत भेजा जाता है, तो उसे प्रताड़ना का सामना करना पड़ेगा। उसने अपने पाकिस्तानी मूल और मुस्लिम पहचान को आधार बनाते हुए भारत में सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी।
न्यायिक प्रक्रिया और अपील
तहव्वुर राणा के वकील अब मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स के समक्ष अपील करेंगे। इससे पहले, राणा ने अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के एसोसिएट जस्टिस और नौवें सर्किट के सर्किट जस्टिस के समक्ष आपातकालीन स्थगन आवेदन दायर किया था। याचिका में उसने तर्क दिया था कि उसका भारत में प्रत्यर्पण अमेरिका के कानून और टॉर्चर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का उल्लंघन करता है। उसने यह भी कहा कि भारत में उसे यातना दिए जाने की संभावना अधिक है क्योंकि वह पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम है।
स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला
राणा ने अपने आवेदन में अपनी खराब स्वास्थ्य स्थिति का भी उल्लेख किया। उसने बताया कि वह हार्ट अटैक, मूत्राशय कैंसर और क्रोनिक अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित है। उसने जुलाई 2024 के मेडिकल रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि अगर उसे भारत भेजा जाता है, तो यह उसके लिए मृत्यु दंड के समान होगा।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का फैसला
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की एसोसिएट जस्टिस एलेना कगन के समक्ष प्रस्तुत की गई राणा की आपात याचिका को छह मार्च 2025 को अस्वीकार कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी नोट में कहा गया कि यह अर्जी न्यायाधीश कगन द्वारा खारिज की गई है।
भारत प्रत्यर्पण को लेकर भयभीत राणा
राणा वर्तमान में लॉस एंजेलिस के ‘मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर’ में बंद है। उसने अपनी याचिका में कहा कि भारतीय जेलों में उसे यातना दी जा सकती है। यह भी बताया गया कि वह पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी रहा है, जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था।
डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया
राणा के प्रत्यर्पण को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही सख्त रुख अपनाया था। उन्होंने इसे दुनिया के "सबसे बुरे लोगों में से एक" बताया था और कहा था कि भारतीयों को न्याय दिलाने के लिए उसे भारत भेजा जाना चाहिए।
तहव्वुर राणा की पृष्ठभूमि
तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का नागरिक है, जो कनाडा का नागरिक बन चुका है। वह अमेरिका के शिकागो में भी निवास कर चुका है और पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में कार्य कर चुका है। बाद में उसने आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैय्यबा और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी की मदद करते हुए मुंबई हमले की साजिश रची। 26 नवंबर 2008 को हुए इस हमले में 179 लोग मारे गए थे।
निष्कर्ष
तहव्वुर राणा का अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण अब लगभग तय माना जा रहा है। अमेरिका की शीर्ष अदालत द्वारा उसकी आपातकालीन अर्जी खारिज होने के बाद उसकी कानूनी लड़ाई और भी कठिन हो गई है। भारत में उसके प्रत्यर्पण के बाद 26/11 आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।