देश / मानवीय मार्ग चुनें: आईआईटी को दलित लड़के के लिए सीट सृजित करने का आदेश देते हुए एससी

सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी बॉम्बे को एक दलित लड़के के लिए सीट सृजित करने का आदेश दिया है जिसे तकनीकी खामी के चलते ऑनलाइन फीस जमा नहीं करा पाने के कारण सीट अलॉट नहीं हुई थी। छात्र प्रिंस जयबीर सिंह के मामले को 'अलग' बताकर कोर्ट ने कहा, "पत्थर ना बनें...मानवीय दृष्टिकोण अपनाएं...आप उन्हें इस स्थिति में नहीं छोड़ सकते।"

Vikrant Shekhawat : Nov 23, 2021, 12:35 PM
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश के अति प्रतष्ठिति भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई में अतिरक्ति सीट सृजित कर एक दलित छात्र को दाखिला देने का आदेश दिया।

आईआईटी मुंबई (IIT Bombay ) में जरूरी योग्यता के बावजूद याचिकाकर्ता 17 साल के प्रिंस जयवीर सिंह को ऑनलाइन भुगतान करने में तकनीकी खामियों की वजह से दाखिला देने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने नामांकन से संबंधित जॉइंट सीट एलॉटमेंट अथॉरिटी को आदेश दिया कि वह पहले दाखिला पा चुके वद्यिार्थियों को बिना नुकसान पहुंचाए एक अतिरक्ति सीट सृजित करे और याचिकाकर्ता को आईआईटी मुंबई में दाखिला दिया जाए। 

याचिकाकर्ता ने देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित संयुक्त प्रवेश (जेईई) 2021 में ऑल इंडिया स्तर पर 25,894 तथा अनुसूचित जाति कोटे के तहत 864 की रैंक हासिल कर सिविल इंजीनियरिंग नामांकन आवेदन किया था लेकिन तकनीकी खामियों की वजह से वह ऑनलाइन नामांकन शुल्क भुगतान करने में नाकाम हो गया था। प्रिंस जयवीर सिंह ने दाखिला देने से इनकार किए जाने के बाद नामांकन से संबंधित संस्थान के अधिकारियों से गुहार लगाई थी लेकिन सभी ने इस मामले में तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए दाखिला देने में असमर्थता व्यक्त की थी। इसके बाद छात्र ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन वहां भी उसे निराशा हाथ लगी और उसकी याचिका खारिज कर दी गई थी।