Vikrant Shekhawat : Aug 25, 2024, 09:52 AM
Telegram CEO: टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप के संस्थापक पॉल ड्यूरोव को हाल ही में फ्रांसीसी अधिकारियों ने पेरिस के बाहर बॉर्गेट एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई एक गिरफ्तारी वारंट के तहत की गई, जो कि फ्रांसीसी कस्टम से जुड़े एंटी फ्रॉड ऑफिस द्वारा जारी किया गया था। इस गिरफ्तारी ने पॉल ड्यूरोव और टेलीग्राम की दुनिया में हलचल मचा दी है।गिरफ्तारी का कारणफ्रांस ने पॉल ड्यूरोव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, और इसका मुख्य कारण टेलीग्राम पर कंटेंट मॉडरेशन की कमी है। आरोप है कि इस प्लेटफॉर्म का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी, और पीडोफिलिक सामग्री के प्रसार के लिए किया जा रहा था। फ्रांस के स्थानीय मीडिया ने इस संबंध में बताया कि पॉल ड्यूरोव ने फ्रांसीसी और यूरोपीय कानून प्रवर्तन के साथ सहयोग करने में विफलता दिखाई, जिससे यह वारंट जारी किया गया।पॉल ड्यूरोव का बैकग्राउंडपॉल ड्यूरोव, जिनका मूलतः रूसी है, वर्तमान में दुबई में निवास करते हैं। 2014 में उन्होंने रूस छोड़ दिया था, जब उन्होंने VKontakte सोशल नेटवर्क के यूजर्स के डेटा को रूसी सिक्योरिटी सर्विसेज के साथ साझा करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद रूस ने टेलीग्राम को ब्लॉक करने का प्रयास किया, लेकिन यह प्रयास विफल हो गया।ड्यूरोव ने अगस्त 2021 में स्वाभाविक रूप से फ्रांसीसी नागरिकता प्राप्त की थी। उन्होंने कहा है कि टेलीग्राम के 900 मिलियन से अधिक यूजर्स हैं, और यह प्लेटफॉर्म विशेष रूप से रूस और यूक्रेन में युद्ध के बारे में जानकारी साझा करने के लिए महत्वपूर्ण है।टेलीग्राम का वैश्विक प्रभावटेलीग्राम का उपयोग विभिन्न देशों में तेजी से बढ़ा है, विशेषकर रूसी भाषी क्षेत्रों में। यह प्लेटफॉर्म सूचनाओं का आदान-प्रदान करने, खासकर संवेदनशील मुद्दों पर, एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है। यूक्रेन में युद्ध के दौरान, टेलीग्राम ने महत्वपूर्ण सूचना चैनल का कार्य किया है और रूसी सेना द्वारा भी इसका उपयोग किया जाता है।भविष्य की दिशापॉल ड्यूरोव की गिरफ्तारी के बाद टेलीग्राम के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि फ्रांसीसी अधिकारियों के साथ पॉल का कानूनी विवाद किस दिशा में जाएगा और इसका टेलीग्राम के वैश्विक उपयोगकर्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा।फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा की गई यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण मामला है, जो टेक्नोलॉजी, डेटा प्राइवेसी, और अंतर्राष्ट्रीय कानून के बीच के जटिल रिश्तों को उजागर करता है। पॉल ड्यूरोव और टेलीग्राम के मामले पर निकट भविष्य में और भी अधिक ध्यान केंद्रित होगा।