भारतीय वायु सेना को बालाकोट एयर स्ट्राइक में अपनी क्षमता का लोहा मनवा चुका स्पाइस 2000 बम के एडवांस वर्जन की आपूर्ति मिलनी शुरू हो गई है। यह बम किसी भी प्रकार की बिल्डिंग और बंकर को तबाह करने में सक्षम है। अपने लक्ष्य को सटीकता के साथ साधने में माहिर यह बम भारतीय वायुसेना के रीढ़ की हड्डी है। जानिए खासियत:
- इस्राइल द्वारा विकसित स्पाइस 2000 भारतीय वायुसेना का पारंपरिक बम है जिसका प्रयोग फ्रांसीसी मूल के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों में किया जाता है।
- स्पाइस (SPICE) का मतलब Smart, Precise Impact, Cost Effective (स्मार्ट, सटीक प्रभाव, लागत प्रभावी) है।
- यह बम किसी भी प्रकार के बंकर या घर को नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके द्वारा सबसे सुरक्षित ठिकाने को भी नेस्तनाबूत किया जा सकता है।
- SPICE-2000 बम नहीं है, बल्कि एक 'गाइडेंस किट' है, जो एक स्टैंडर्ड वॉरहेड या बम से जुड़ी होती है।
- यह बम लंबी दूरी के लक्ष्यों को सटीकता से साधने में सक्षम है। लेजर गाइडेड होने के कारण इस बम को लक्ष्य से काफी दूर होने पर भी दागा जा सकता है।
- राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम द्वारा निर्मित इस बम का प्रयोग भारत, इस्राइल के साथ कई देशों की वायुसेना करती है।
- लक्ष्य के गति करने पर यह बम खुद ही अपने पथ को बदलने में सक्षम है। इस स्मार्ट बम के शीर्ष पर एक कैमरा लगा होता है जो लक्ष्य को साधने में मदद करता है।
- स्पाइस 2000 बम दो वर्जन में आता है। एक में 1000 किलोग्राम का वारहेड होता है जबकि दूसरे में 500 किलोग्राम का।
- इस बम में एक चिप के माध्यम से लक्ष्य से संबंधित डाटा को लोड किया जाता है। जिसके बाद बम को लडाकू विमान में फिट कर दिया जाता है।
- इसके बाद जब विमान लक्ष्य से एक पूर्व निर्धारित दूरी और ऊंचाई पर पहुंच जाता है तो वह इस स्मार्ट बम को दाग देता है। इसके बाद बम में मौजूद ऑनबोर्ड कंप्यूटर इसे पूर्व निर्धारित लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ाता है।
- बम के शीर्ष पर लगा कैमरा जो कंप्यूटर नियंत्रित होता है। यह लक्ष्य के जैसे दिखने वाले कई चित्रों को ऑनबोर्ड कंप्यूटर को भेजता है जो वास्तविक लक्ष्य की पहचान कर उसे तबाह कर देता है।