Delhi / दुल्हा शराब के नशे में आया मंडप में, सात फेरों भी नही ले पाया तो लड़की ने किया ऐसा हाल, रह गये सब अचम्भित

बेटियां सिर्फ लक्ष्मी और सरस्वती नहीं होती हैं, बल्कि समय आने पर दुर्गा और चंडी भी बन सकती हैं। लड़कियाँ भी सुखी वैवाहिक जीवन की आकांक्षा रखती हैं। समय बदल रहा है, अब लड़कियां मजबूत हो रही हैं, वे अपने अच्छे और बुरे का फैसला खुद करना चाहती हैं। यदि वह युवक जो पति-पत्नी बन जाता है, वह एक शराबी (शराबी दूल्हा) है, तो बेटियों को भी बरात के साथ फेरे से पहले उसे लौटाने की हिम्मत होती है

Vikrant Shekhawat : Feb 11, 2021, 10:42 AM
नई दिल्ली: बेटियां सिर्फ लक्ष्मी और सरस्वती नहीं होती हैं, बल्कि समय आने पर दुर्गा और चंडी भी बन सकती हैं। लड़कियाँ भी सुखी वैवाहिक जीवन की आकांक्षा रखती हैं। समय बदल रहा है, अब लड़कियां मजबूत हो रही हैं, वे अपने अच्छे और बुरे का फैसला खुद करना चाहती हैं। यदि वह युवक जो पति-पत्नी बन जाता है, वह एक शराबी (शराबी दूल्हा) है, तो बेटियों को भी बरात के साथ फेरे से पहले उसे लौटाने की हिम्मत होती है। कुछ इसी तरह का मामला पानीपत के सनोली इलाके के एक गांव में सामने आया है। लड़के पक्ष की पंचायत ने भी दबाव डाला लेकिन दुल्हन अपने फैसले पर अड़ी रही।

क्या है पूरा मामला

पानीपत के सनोली थाना क्षेत्र के एक गांव में रविवार की रात दो सगी बहनों की शादी थी। बड़ी बहन की बरात दूसरे गाँव से और छोटी बहन की बरात समालखा से आई थी। शादी एक बड़ी बहन के साथ शुरू हुई और सात फेरे अच्छे से खत्म हो गए। लेकिन जब छोटी बहन के सात फेरे की बारी आई तो दूल्हा शराब के नशे में हंगामा कर रहा था। यहां तक ​​कि वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था।

दुल्हन ने शादी से इंकार कर दिया

जब दुल्हन लड़की बन गई, तो उसने लड़के की हालत देखी और शादी करने से इनकार कर दिया। उसने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि वह शादी के दिन शराब पीकर आता है, तो सामान्य दिनों में वह कितना पीता है, वह उसे कैसे खुश रखेगा? नशे में धुत लड़के ने सबके सामने लड़की का हाथ पकड़ लिया और फेरे लेने की जिद करने लगा। लड़के के इस बल को देखने के बाद भी लड़की अड़ी रही और शादी करने से इंकार कर दिया।

मित्र ओर रिश्तेदार

लड़की के साथ दूल्हे की जबरदस्ती देखकर परिजनों ने लड़के की जमकर पिटाई करते हुए बारात लौटा दी। लड़का पक्ष कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ सोमवार को पंचायत में लड़की के घर पहुंचा। लड़की को शादी करने के लिए मजबूर किया गया लेकिन उसने अपना फैसला नहीं लिया। पंचायत भी चार घंटे की मशक्कत के बाद वापस लौट आई।

गांव में बेटी की सराहना की

ग्रामीण इस बेशर्म फैसले के लिए लड़की की सराहना कर रहे हैं। उनका कहना है कि शराबी से शादी नहीं करने का फैसला सही है। इसी तरह लड़कियों को तय करना चाहिए। अगर सभी लड़कियां इतनी मजबूत हो जाएंगी, तो समाज के लड़के और लड़की के बीच का अंतर खत्म हो जाएगा।