Vikrant Shekhawat : Nov 21, 2024, 08:43 AM
Delhi Air Pollution: दिल्ली और इसके एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के इलाकों में वायु प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि लोगों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं। गुरुवार की सुबह दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 384 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। कई स्थानों पर हालात इससे भी ज्यादा खराब हैं। आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, मुंडका, और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जो “गंभीर” श्रेणी को दर्शाता है।
स्कूल-कॉलेज बंद, वर्क फ्रॉम होम की शुरुआत
खराब वायु गुणवत्ता को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कई आपातकालीन कदम उठाए हैं। स्कूल और कॉलेज अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। साथ ही, सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गई है।सरकार ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए आर्टिफिशियल बारिश कराने की योजना पर विचार शुरू किया है। इससे वायु में मौजूद हानिकारक कणों को साफ करने में मदद मिल सकती है।ग्रेप-4 का लागू होना
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया गया है। पहले ग्रेप-1 लागू किया गया था, लेकिन हालात में सुधार न होने पर ग्रेप-4 के सख्त कदम उठाए गए। इन कदमों के तहत निर्माण कार्यों पर रोक, वाहनों की संख्या सीमित करने और औद्योगिक गतिविधियों को नियंत्रित करने जैसे उपाय किए जा रहे हैं।पटाखों की बिक्री और उपयोग पर सख्ती
दिल्ली सरकार ने पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली पुलिस ने ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को पटाखों की ऑनलाइन बिक्री तत्काल बंद करने के निर्देश दिए हैं।खतरनाक स्थिति वाले क्षेत्र
गुरुवार सुबह विभिन्न इलाकों में AQI बेहद खतरनाक स्तर पर रहा। कुछ प्रमुख इलाकों के AQI निम्नलिखित हैं:- आनंद विहार: 409
- अशोक विहार: 418
- जहांगीरपुरी: 439
- बवाना: 423
- मुंडका: 419
- पंजाबी बाग: 411
कारण और समाधान
दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधियां, निर्माण कार्य, पराली जलाने और ठंड के मौसम में हवा की गति कम होना शामिल हैं। इसके समाधान के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:- सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग
- वाहनों के उपयोग को सीमित करना
- हरित क्षेत्र का विस्तार
- वायु गुणवत्ता पर नियमित निगरानी