Dainik Bhaskar : Jan 24, 2020, 03:31 PM
जयपुर | राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। सत्र की शुरुआत ही हंगामेदार रही। राज्यपाल के अभिभाषण का विपक्ष ने बहिष्कार किया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने जैसे ही अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बोलना शुरू कर दिया।कटारिया ने आरोप लगाया कि यह सत्र नियम विरुद्ध बुलाया गया है। कटारिया लगातार बोलते रहे और राज्यपाल अपना भाषण पढ़ते रहे। इसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट किया। भाजपा विधायक दल के साथ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी वॉकआउट किया। राज्यपाल ने अभिभाषण में सरकार का विजन पेश किया।राज्यपाल ने अभिभाषण में सरकार का विजन पेश किया। शोकाभिव्यक्ति के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस सत्र में सरकार नागरिक संशोधन कानून के विरोध में प्रस्ताव लाएगी। सत्र में संसद एवं राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण को 10 साल तक बढ़ाने के लिए 126वें संविधान संशोधन विधेयक 2019 पर मुहर लगाई जाएगी। संसद और राज्य विधानसभाओं में संविधान के अनुच्छेद-334 के तहत एससी-एसटी के लिए सीटों के आरक्षण का प्रावधान है। इस प्रावधान को आगे बढ़ाने के लिए विधानसभाओं की ओर से भी पास किया जाना आवश्यक है। इसके तहत आरक्षण अगले 10 साल के लिए बढ़ाया जाएगा।26 जनवरी से यह संशोधन प्रभावी होगालोकसभा और राज्यसभा में एसटी-एससी आरक्षण पहले ही पारित हो चुका है। 26 जनवरी से यह संशोधन प्रभावी होगा। इसी को ध्यान में रखकर 24 जनवरी से विधानसभा आहूत की गई है। साल का यह पहला सत्र होगा। इसलिए इसकी शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ होगी।नागरिकता कानून को लेकर प्रस्ताव लाएगी सरकारराजस्थान विधानसभा के इस सत्र में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर भी चर्चा होगी। इसके विरोध में प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है। केरल और पंजाब विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र 15वीं विधान सभा के चतुर्थ सत्र में अभिभाषण के लिए विधानसभा पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, सीएम अशोक गहलोत और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता और विधानसभा के सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने विधानसभा पहुंचने पर राज्यपाल का स्वागत किया। इससे पहले विधानसभा पहुंचने पर राज्यपाल का मुख्य द्वार पर आरएसी बटालियन द्वारा राष्ट्रीय सलामी दी गई। राज्यपाल को अभिभाषण के लिए सदन में प्रोसेशन में ले जाया गया।