बिज़नेस / देश की थोक महंगाई दर नवंबर में बढ़कर हुई 0.58%

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बताया है कि नवंबर में भारत की थोक महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) बढ़कर 0.58% हो गई जो अक्टूबर में 0.16% थी। थोक महंगाई दर में इज़ाफे का कारण सब्ज़ियों और फल जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी होना है। खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर नवंबर में 11.08% रही जबकि अक्टूबर में यह 9.8% थी।

Live Hindustan : Dec 16, 2019, 05:17 PM
नई दिल्ली, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी किए। बीते तीन महीने में पहली बार इजाफा हुआ है। नवंबर में थोक महंगाई दर बढ़कर 0.58% पहुंच गई। अक्टूबर में 0.16% सितंबर में 0.33% और अगस्त में 1.17% थी। सालाना आधार पर तुलना करें तो पिछले साल नवंबर में थोक महंगाई की दर 4.47% थी।

खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर 11% रही। अक्टूबर में 9.80% थी। गैर-खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कमी आई। यह अक्टूबर में 2.35% के मुकाबले नवंबर में घटकर 1.93% रह गई। 

खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर माह में बढ़कर 5.54 प्रतिशत पर पहुंच गई थी

खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर माह में बढ़कर 5.54 प्रतिशत पर पहुंच गई। पिछले महीने अक्टूबर में यह 4.62 प्रतिशत पर थी। खाने पीने की वस्तुओं के दाम चढ़ने से नवंबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 5.54 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका तीन साल का उच्चस्तर है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इसी साल अक्टूबर में 4.62 प्रतिशत और नवंबर, 2018 में 2.33 प्रतिशत रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार माह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 10.01 प्रतिशत पर पहुंच गई। अक्टूबर में यह 7.89 प्रतिशत तथा एक साल पहले इसी महीने में 2.61 प्रतिशत थी। इससे पहले जुलाई, 2016 में खुदरा मुद्रास्फीति 6.07 प्रतिशत दर्ज की गई थी। सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के दायरे में (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) रखने का लक्ष्य दिया है।

अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन घटा 

बिजली, खनन और विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर महीने में 3.8 प्रतिशत घट गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के रूप में मापा जाने वाले औद्योगिक उत्पादन एक साल पहले इसी माह में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

विनिर्माण क्षेत्र में नरमी दर्ज की गयी। इसमें अक्टूबर महीने में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि एक साल पहले इसी महीने में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

आंकड़े के अनुसार बिजली उत्पादन में अक्टूबर 2019 में तीव्र 12.2 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि पिछले साल इसी महीने इसमें 10.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। खनन उत्पादन भी आलोच्य महीने में 8 प्रतिशत गिरा जबकि पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में इसमें 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।