राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Rajasthan Education Board) अपना पहला नतीजा जुलाई के दूसरे सप्ताह में जारी कर सकता है. बोर्ड की लंबित विषयों की परीक्षा 30 जून को समाप्त हुई थी जिसके बाद अब परिणाम जारी (Exam Result) करने की कवायद शुरू हो गई है. बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डी.पी जारोली पहले ही कह चुके हैं कि बोर्ड 15 जुलाई से पहले अपना पहला नतीजा जारी कर देगा. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि बोर्ड अगले सप्ताह के अंत तक अपना पहला परिणाम 12वीं विज्ञान और वाणिज्य संकाय के नतीजे जारी करेगा.
कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर बोर्ड ने इस बार अपने मूल्याकंन व्यवस्था में बदलाव किया है. बोर्ड ने इस बार हर परीक्षक को 450 की जगह 300 उत्तर पुस्तिकाएं ही जांचने के लिए दी हैं. साथ ही इन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर 10 दिन में प्राप्तांक, बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड करने के निर्देश दिए थे. सूत्र बताते हैं कि बोर्ड को 12वीं विज्ञान और वाणिज्य के अधिकांश विषयों के प्राप्तांक मिल गए हैं और अब उन्हें केंद्रीयकृत रुप से परिणाम निकालने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. बोर्ड की पिछले कुछ वर्षों से परंपरा रही है कि वो 12वीं विज्ञान और वाणिज्य का नतीजा एक साथ जारी करता है. और इस बार भी संभव है कि ऐसा ही हो.
परिणाम जारी करने के साथ मेरिट लिस्ट जारी नहीं करेगा
हालांकि बोर्ड परिणाम जारी करने के साथ मेरिट लिस्ट जारी नहीं करेगा. बोर्ड ने पिछले तीन वर्षों से परिणाम के साथ मेरिट जारी करने की अपनी परंपरा को बंद कर दिया है. इसके पीछे बोर्ड का तर्क है कि परिणाम के बाद कई परीक्षार्थी पुनमूल्यांकन करवाते हैं और उसमें अंक बढ़ने के साथ मेरिट में भी बदलाव होता है. जिससे परीक्षार्थियों के मन में विपरीत असर पड़ता है. लिहाजा, बोर्ड अब अपनी परीक्षा की पूरी कार्यवाही जिसमें पुनमूल्याकंन और पूरक परीक्षा भी शामिल है उसके बाद ही मेरिट लिस्ट जारी करता है. और उसके आधार पर विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में सम्मानित किया जाता है.
बोर्ड 12वीं विज्ञान और वाणिज्य का नतीजा जारी करने के बाद 12वीं कला वर्ग का नतीजा जारी करेगा, और सबसे अंत में अपनी सबसे बड़ी परीक्षा, 10वीं का परिणाम निकालेगा. जिसमें साढे़े 11 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी पंजीकृत हैं. बता दें कि राजस्थान बोर्ड देश का पहला ऐसा बोर्ड है जिसनें कोरोना काल के इस भीषण दौर में तमाम गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रदेश के छह हजार से ज्यादा केंद्रों पर 20 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों की परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न करवाई है.