Maharashtra / लंगूर के बच्चे के मुंह में फंस गया लोटा, बेबस मां सात घंटे तक लेकर घूमती रही।।।कुछ इस तरह बची जान

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में पानी पीते समय लंगूर के बच्चे का मुंह लोटे में फंस गया। इसके बाद लंगूर का बच्चा घंटों तड़पता रहा। अपनी इस परेशानी को सुलझाने के लिए वो इधर-उधर भटकता रहा पर उसकी इस मुश्किल को कोई भी नहीं सुलझा पाया। लंगूर के बच्चे की मां ने भी उसके मुंह में फंसे लोटे को निकालने की कोशिश की पर उसे भी कोई कामयाबी नहीं मिली। वो अपने बच्चे को पेट से लगाकर घूमती रही

Vikrant Shekhawat : Jun 09, 2022, 07:53 AM
महाराष्ट्र के चंद्रपुर में पानी पीते समय लंगूर के बच्चे का मुंह लोटे में फंस गया। इसके बाद लंगूर का बच्चा घंटों तड़पता रहा। अपनी इस परेशानी को सुलझाने के लिए वो इधर-उधर भटकता रहा पर उसकी इस मुश्किल को कोई भी नहीं सुलझा पाया। लंगूर के बच्चे की मां ने भी उसके मुंह में फंसे लोटे को निकालने की कोशिश की पर उसे भी कोई कामयाबी नहीं मिली। वो अपने बच्चे को पेट से लगाकर घूमती रही। स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मी में खाना और पानी के लिए लंगूर और बंदर अक्सर रिहाइशी इलाके में घुस आते हैं। लोटे से पानी पीते समय लंगूर के बच्चे का मुंह उसमें फंस गया।

लंगूरों के पूरे कुनबे ने बच्चे के मुंह में फंसे लोटे को निकाने की पूरी कोशिश की। इस दौरान लंगूर का बच्चा घंटों भूखा-प्यासा तड़पता रहा। जब स्थानीय लोगों की नजर लंगूर के बच्चे पर पड़ी तो वो भी हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत ही इस घटना की जानकारी वन विभाग को दी। मौके पर पहुंचकर टीम ने स्थिति का जायजा लिया। लेकिन मां के गोद में बैठे बच्चे को कैसे पकड़ा जाए यह बड़ी चुनौती बन गया। आसपास ढेर सारे लंगूर मौजूद थे। वन विभाग की टीम ने इसके लिए खास प्लान बनाया।

लंगूर के बच्चे का मुंह पानी पीते समय लोटे में फंस गया

इस घटना पर ज्यादा जानकारी देते हुए वन विभाग के अधिकारी सुरेश येलकेवाड़ ने बताया कि लंगूर के बच्चे को अपने कब्जे में लेना आसान नहीं था। इसके लिए पिंजरा लगाया गया और खाने पीने का सामान रखा गया था। बावजूद इसके लंगूर की टोली काबू में नहीं आई। फिर ताडोबा टाइगर रिजर्व और कोठरी वन विभाग से बचाव दल को बुलाया गया और एक खास रणनीति बनाई गई।

7 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लंगूर का बच्चा पकड़ाई में आया। तुरंत ही लोटे के काटकर उसका सिर निकाला गया। इस दौरान लंगूरों की टोली को भगाने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों ने हाथ में लाठी लेकर लंगूर को दूर रखा। लंगूर के बच्चे की प्राथमिक जांच के बाद उसे उसकी मां के साथ छोड़ दिया गया। वन विभाग के इस कारनामे की हर तरफ चर्चा हो रही है।