AajTak : Apr 08, 2020, 01:21 PM
कोरोना अलर्ट: अब एक नए क्रूज शिप पर कोरोना वायरस के हमले का पता चला है। ये क्रूज शिप 200 से ज्यादा लोगों को लेकर अंटार्कटिका की यात्रा पर निकला था। लेकिन अब उरुग्वे के पास समुद्र में रुका हुआ है। क्योंकि, इस जहाज पर मौजूद यात्रियों में से 60 फीसदी लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
इस जहाज का नाम है द ग्रेग मोरटाइमर। यह एक ऑस्ट्रेलियाई कंपनी अरोरा एक्स्पेडिशन का जहाज है। इस जहाज के जरिए लोग अंटार्कटिका घूमने जाते हैं। अब इस जहाज के यात्रियों को उरुग्वे के तटीय शहर मोंटेवीडियो में उतारा जा रहा है। द ग्रेग मोरटाइमर 15 मार्च को अंटार्कटिका और साउथ जॉर्जिया के लिए निकला था। इस ट्रिप का नाम रखा गया था इन शैक्लेटॉन्स फुटस्टेप्स। शैक्लेटॉन्स एक ध्रुवीय खोजकर्ता थे। जिन्होंने ब्रिटिश लोगों को पहली बार 1922 में अंटार्कटिका की यात्रा कराई थी। इस क्रूज शिप पर 217 लोग सवार थे। जिनमें से 128 लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। जबकि, 89 लोग निगेटिव मिले हैं। जिन 6 गंभीर लोगों को क्रूज शिप से उतारा गया था, उनका इलाज मोंटेवीडियो में हो रहा है। ये लोग अभी स्थिर हैं। क्रूज शिप चलाने वाली कंपनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने मदद मांगी है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार गुरुवार को यानी 9 अप्रैल को एक प्लेन भेजकर ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड के लोगों को एयरलिफ्ट करेगी। हर पैसेंजर को टिकट के लिए 9300 डॉलर देने होंगे।ऑस्ट्रेलियाई शहर मेलबर्न में उतरने के बाद सभी यात्रियों को 14 दिनों तक सरकारी क्वारनटीन सेंटर में रहना होगा। इसके बाद ही ये लोग अपने घर जा सकेंगे। अमेरिका और यूरोप के लोग निगेटिव निकले हैं। इसलिए इन्हें चिंता की कोई बात नहीं है।
इस जहाज का नाम है द ग्रेग मोरटाइमर। यह एक ऑस्ट्रेलियाई कंपनी अरोरा एक्स्पेडिशन का जहाज है। इस जहाज के जरिए लोग अंटार्कटिका घूमने जाते हैं। अब इस जहाज के यात्रियों को उरुग्वे के तटीय शहर मोंटेवीडियो में उतारा जा रहा है। द ग्रेग मोरटाइमर 15 मार्च को अंटार्कटिका और साउथ जॉर्जिया के लिए निकला था। इस ट्रिप का नाम रखा गया था इन शैक्लेटॉन्स फुटस्टेप्स। शैक्लेटॉन्स एक ध्रुवीय खोजकर्ता थे। जिन्होंने ब्रिटिश लोगों को पहली बार 1922 में अंटार्कटिका की यात्रा कराई थी। इस क्रूज शिप पर 217 लोग सवार थे। जिनमें से 128 लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। जबकि, 89 लोग निगेटिव मिले हैं। जिन 6 गंभीर लोगों को क्रूज शिप से उतारा गया था, उनका इलाज मोंटेवीडियो में हो रहा है। ये लोग अभी स्थिर हैं। क्रूज शिप चलाने वाली कंपनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने मदद मांगी है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार गुरुवार को यानी 9 अप्रैल को एक प्लेन भेजकर ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड के लोगों को एयरलिफ्ट करेगी। हर पैसेंजर को टिकट के लिए 9300 डॉलर देने होंगे।ऑस्ट्रेलियाई शहर मेलबर्न में उतरने के बाद सभी यात्रियों को 14 दिनों तक सरकारी क्वारनटीन सेंटर में रहना होगा। इसके बाद ही ये लोग अपने घर जा सकेंगे। अमेरिका और यूरोप के लोग निगेटिव निकले हैं। इसलिए इन्हें चिंता की कोई बात नहीं है।