श्रीलंका संकट / पुलिस से भी उठने लगीं सरकार के खिलाफ आवाज, गॉल में राजपक्षे परिवार के खिलाफ प्रदर्शन और तेज

श्रीलंका में महंगाई और आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और भी अधिक तेज होने लगा है। आम लोग, वकील, खिलाड़ी के बाद अब पुलिसकर्मी भी अपनी आवाद बुलंद करने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका पुलिस के एक हवलदार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि कुछ देर बाद उसे शर्तों के साथ जमानत दे दी गई।

Vikrant Shekhawat : Apr 16, 2022, 11:18 AM
श्रीलंका में महंगाई और आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और भी अधिक तेज होने लगा है। आम लोग, वकील, खिलाड़ी के बाद अब पुलिसकर्मी भी अपनी आवाद बुलंद करने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका पुलिस के एक हवलदार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि कुछ देर बाद उसे शर्तों के साथ जमानत दे दी गई। कोलंबो के अतिरिक्त मजिस्ट्रेट केमिंडा परेरा ने जानकारी देते हुए बताया कि हवलदार   दंड संहिता, पुलिस अध्यादेश और आधिकारिक गोपनीयता अध्यादेश की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे शर्तों के साथ जमानत दे दी गई।   पुलिस हवलदार की ओर से राष्ट्रपति के वकीलों सहित नि:शुल्क वकीलों का एक समूह अदालत में पेश हुआ। 29 अप्रैल को मामले की फिर से सुनवाई होनी है।

हवलदार के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई: पुलिस मुख्यालय

इस बीच, पुलिस ने गाले फेस विरोध में वर्दी में शामिल हुए पुलिस हवलदार के संबंध में भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि जांच की प्रगति के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। समाचार पोर्टल के अनुसार, गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए पुलिस मुख्यालय ने कहा कि एक पुलिसकर्मी को ड्यूटी पर सेवा के अधिकार क्षेत्र में काम करना चाहिए।

गाले फेस पर भारी प्रदर्शन

बता दें कि  श्रीलंका के राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर 8वें दिन भी बड़ी संख्या में कलाकार और पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या ने राजधानी कोलंबो के मुख्य समुद्र तट गाले फेस पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। सभी प्रदर्शनकारी श्रीलंकाई सरकार द्वारा आर्थिक स्थिति से निपटने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी राजपक्षे की सरकार पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाते रहे हैं।