रूस से व्यापार / भारत को अंजाम भुगतने की चेतावनी देने वाले डिप्टी एनएसए के दौरे पर व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान, जानें क्या कहा?

अमेरिका के डिप्टी एनएसए दलीप सिंह द्वारा भारत को धमकी देने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर इस वार्ता की विस्तार से जानकारी दी है। व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि हमारे सलाहकार दलीप सिंह ने हाल ही में अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के लक्ष्यों और तंत्र पर चर्चा की।

Vikrant Shekhawat : Apr 02, 2022, 09:21 AM
अमेरिका के डिप्टी एनएसए दलीप सिंह द्वारा भारत को धमकी देने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर इस वार्ता की विस्तार से जानकारी दी है। व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि हमारे सलाहकार दलीप सिंह ने हाल ही में अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के लक्ष्यों और तंत्र पर चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ रूस के अनुचित युद्ध के परिणामों और ‘इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क' के संबंध में गहन चर्चा की। सिंह ने प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव पी के मिश्रा, वाणिज्य मंत्री और भारतीय जी20 शेरपा पीयूष गोयल, विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिश्री और आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ से मुलाकात की।

विभिन्न देशों के रूसी संघ के साथ अपने संबंध, हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं: अमेरिका

व्हाइट हाउस ने कहा कि विभिन्न देशों के रूसी संघ के साथ अपने संबंध हैं। ये एक ऐतिहासिक और भौगोलिक तथ्य है। हम इसको बदलने के लिए काम नहीं कर रहे हैं। हम भारत या दुनिया भर के अन्य भागीदारों तथा सहयोगियों के संदर्भ में, यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट होकर आवाज उठाए। इस अनुचित, अकारण, पूर्व नियोजित आक्रामकता के खिलाफ आवाज उठाना, हिंसा को खत्म करने का आह्वान करना, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत सहित अन्य देशों के साथ काम करना है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र फ्रेमवर्क के विकास और बुनियादी ढांचे को वितरित करने पर बात हुई: व्हाइट हाउस

सिंह और उनके समकक्षों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र फ्रेमवर्क के विकास, बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे को वितरित करने, इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क के विकास और वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के बारे में चल रही चर्चाओं को आगे बढ़ाया।