कोरोना अलर्ट / नोटों से कोरोना फैलने की आशंका, चीन ने बचने के लिए अपनाया ये तरीका

चीन के वुहान शहर को दुनिया भर में कहर मचाने वाले कोरोना वायरस के जनक के तौर पर जाना जा रहा है। इस जानलेवा वायरस ने चीन के अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान पहुंचाया है जिससे अब वो उबरने में जुटा हुआ है। जांच के दौरान पता चला था कि कैश में इस्तेमाल होने वाला नोट भी कोरोना वायरस का संवाहक बन सकता है।

AajTak : Apr 22, 2020, 04:29 PM
चीन के वुहान शहर को दुनिया भर में कहर मचाने वाले कोरोना वायरस के जनक के तौर पर जाना जा रहा है। इस जानलेवा वायरस ने चीन के अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान पहुंचाया है जिससे अब वो उबरने में जुटा हुआ है।

जांच के दौरान पता चला था कि कैश में इस्तेमाल होने वाला नोट भी कोरोना वायरस का संवाहक (Carrier) बन सकता है। इसलिए अब चीन ने भविष्य में आने वाली ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए वर्चुअल (काल्पनिक) मनी सिस्टम अपनाने पर जोर दे दिया है और इसकी टेस्टिंग कर रहा है।

चीन ने यह कदम मुद्रा या नोट के जरिए भविष्य में किसी भी तरह के वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाया है। ऐसी डिजिटल मुद्राएं खतरे को रोकने में मदद करेंगी। बीते फरवरी में चीन ने कोरोना वायरस के प्रभाव वाले हॉटस्पॉट इलाके में बड़ी मात्रा में बैंक नोटों का इस्तेमाल छोड़ दिया था। इतनी ही नहीं कुछ मुद्राओं को अस्थायी रूप से गोदामों में संग्रहित कर दिया था। बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया था।

चीन कोरोना वायरस के कहर के बीच अपने चार शहरों में डिजिटल करेंसी का टेस्ट कर रहा है। इसके जरिए लोगों को कैश की कोई जरूरत नहीं होगी।

यह पायलट प्रोजेक्ट चीन के द डिजिटल करेंसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ पीपुल्स और बैंक ऑफ चाइना (PBC) की तरफ से चलाया जा रहा है। यह चीन के आधिकारिक डिजिटल मुद्रा पर किए जा रहे अनुसंधान और विकास का एक हिस्सा है। आधिकारिक डिजिटल मुद्रा का उपयोग बीजिंग में 2022 में होने वाले ओलंपिक खेलों के दौरान भी किया जाएगा।