Rajasthan News / नगर निगम उपचुनाव में हुआ बड़ा उलटफेर, सौम्या गुर्जर की बर्खास्तगी का आदेश रद्द, बनी रहेंगी मेयर

जयपुर में ग्रेटर नगर निगम के उपचुनाव की मतगणना के बीच बड़ा उलटफेर हो गया है. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर को बर्खास्त करने के सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है जिसके बाद माना जा रहा है कि अब जयपुर ग्रेटर नगर निगम के लिए चल रहे चुनाव की काउंटिंग प्रक्रिया पर रोक लग सकती है और सौम्या गुर्जर नगर निगम ग्रेटर की मेयर बनी रह सकती है.

Vikrant Shekhawat : Nov 10, 2022, 03:12 PM
Rajasthan News: जयपुर में ग्रेटर नगर निगम के उपचुनाव की मतगणना के बीच बड़ा उलटफेर हो गया है. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर को बर्खास्त करने के सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है जिसके बाद माना जा रहा है कि अब जयपुर ग्रेटर नगर निगम के लिए चल रहे चुनाव की काउंटिंग प्रक्रिया पर रोक लग सकती है और सौम्या गुर्जर नगर निगम ग्रेटर की मेयर बनी रह सकती है. मिली जानकारी के मुताबिक 27 सितंबर को गहलोत सरकार की ओर से जारी आदेश को रद्द करते हुए जस्टिस महेंद्र गोयल ने कहा कि सरकार सौम्या को ज्युडिशियल जांच में सुनवाई के मौके देकर नए सिरे से आदेश जारी करे.

इधर राजधानी जयपुर में नगर निगम ग्रेटर के नए मुखिया के लिए वोटिंग चल रही है जहां बीजेपी और कांग्रेस के 130 से अधिक पार्षदों ने मतदान कर दिया है. वहीं मतदान करने के बाद दोपहर 3 बजे तक काउंटिंग होकर आज परिणाम जारी किया जाएगा. ऐसे में कोर्ट का आदेश सौम्या गुर्जर के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, वहीं सरकार को इससे झटका लगा है.

मालूम हो कि सौम्या गुर्जर ने उन्हें बर्खास्त करने के सरकार के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जानकारों के मुताबिक यदि मेयर के चुनाव परिणाम जारी भी हो जाते हैं तो हो सकता है कि यह हाईकोर्ट के फैसले के अधीन रहे. बता दें कि बीजेपी ने रश्मि सैनी और कांग्रेस की तरफ से हेमा सिंघानिया मैदान में है.

गहलोत सरकार को लगा बड़ा झटका !

जानकारी के मुताबिक कोर्ट में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की ओर से राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता को कहा गया कि वह आधे घंटे में सौम्या गुर्जर का बर्खास्तगी आदेश को वापस ले और उन्हें नए सिरे से आदेश जारी करें. इसके बाद हुई सुनवाई में अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने सौम्या गुर्जर को नए सिरे से नोटिस देना तय किया है.

ऐसे में अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर सौम्या गुर्जर को बर्खास्त करने के आदेश को रद्द करने का फैसला सुनाया. गौरतलब है कि ग्रेटर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञ मित्र देव सिंह से अभद्रता के मामले में राज्य सरकार ने सौम्या गुर्जर को मेयर पद से बर्खास्त करते हुए 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाई थी.

पहली बार हुआ था किसी मेयर का निलंबन

गौरतलब है कि जयपुर में नगर निगम ग्रेटर की बीजेपी मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर को 6 साल के लिए सरकार ने पद से हटा दिया था. गुर्जर पर पूर्व नगर निगम कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह देव के साथ विवाद को लेकर उन पर यह कार्रवाई की गई है. इसी साल अगस्त में संयुक्त सचिव विधिक मुदिता भार्गव ने स्वायत्त शासन विभाग (डीएलबी) सचिव जोगाराम को इस मामले की न्यायिक जांच रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कथित तौर पर डॉ. सौम्या गुर्जर व तीन पार्षद पारस जैन, अजय सिंह और शंकर शर्मा को दोषी माना गया था.

बता दें कि पिछले साल जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर और तत्कालीन कमिश्नर यज्ञमित्र देवसिंह के भी बीच कचरा उठाने वाली कंपनी बीवीजी को लेकर विवाद हुआ था जिसके बाद मेयर सौम्या गुर्जर व पार्षदों पर निगम की बैठक में कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह को अपशब्द कहने और धक्का-मुक्की करने का आरोप लगा था.

इस मामले में 6 जून 2021 को राजस्थान सरकार ने जयपुर मेयर सौम्या गुर्जर, वार्ड 39 पार्षद अजय सिंह चौहान, वार्ड 72 पार्षद पारस जैन और वार्ड 103 पार्षद शंकर शर्मा को निलंबित कर दिया था. मालूम हो कि राजस्थान में यह पहली बार हुआ था जब किसी मेयर को सरकार ने निलंबित किया था.