Delhi Politics: दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर करते हुए कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन से इंकार कर दिया है। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी तरह का गठबंधन नहीं होगा। इंडिया टीवी से बातचीत में यादव ने कहा कि पिछले 11 वर्षों से आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के साथ अन्याय किया है। उनका कहना है कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरेगी और जनता के लिए नए विकल्प की उम्मीद जगाएगी।
गठबंधन की अटकलों पर विराम
देवेंद्र यादव ने पहले भी यह साफ कर दिया था कि कांग्रेस दिल्ली में विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। उनका मानना है कि कांग्रेस और AAP का गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनावों के लिए था और उस चुनाव के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह और बढ़ी हुई वोट प्रतिशत को लेकर नया जोश है। यादव का कहना है कि कांग्रेस जनता के बीच एक नए विकल्प के रूप में उभर रही है, क्योंकि लोग अब बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।
कार्यकर्ताओं में जोश और तैयारी
दिल्ली के प्रीत विहार में कृष्णा नगर जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक में यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर पर कांग्रेस को मजबूत बनाने के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्थानीय समितियों की बैठकों और कार्यकर्ता संवाद ने कांग्रेस को एक नई दिशा दी है और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। देवेंद्र यादव ने बयान दिया कि कांग्रेस अगला विधानसभा चुनाव पूरी तरह से अकेले लड़ेगी और दिल्ली में एक नया बदलाव लाने के लिए तैयार है।
AAP-कांग्रेस का लोकसभा चुनाव गठबंधन और भाजपा की मजबूत पकड़
दिल्ली में कांग्रेस और AAP का गठबंधन लोकसभा चुनाव के दौरान ही हुआ था। सात सीटों पर आधारित इस गठबंधन में चार सीटों पर AAP ने और तीन सीटों पर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। हालांकि, यह गठबंधन भाजपा के सामने असफल साबित हुआ, और भाजपा ने सभी सात सीटों पर जीत हासिल की। इससे साफ हुआ कि दोनों पार्टियों का मिलकर लड़ना भी भाजपा के खिलाफ कारगर नहीं हो पाया।
आगामी विधानसभा चुनाव: कांग्रेस की नई रणनीति
आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस पूरी तरह से अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही है। देवेंद्र यादव के मुताबिक, पार्टी अब जमीन पर उतरकर हर स्तर पर संगठन को मजबूत करने में लगी हुई है और जनता के बीच अपनी पकड़ को और भी अधिक मज़बूत कर रही है।
दिल्ली के राजनीतिक समीकरण में बदलाव की उम्मीद
कांग्रेस के इस फैसले से दिल्ली की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना बढ़ गई है। देवेंद्र यादव की अगुवाई में कांग्रेस अब आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर नहीं बल्कि स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी। ऐसे में दिल्ली के वोटरों के पास एक नया विकल्प होगा। देखना यह है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली के मतदाता किस ओर झुकते हैं और क्या कांग्रेस अकेले दम पर दिल्ली की राजनीति में बदलाव ला सकेगी।