Vikrant Shekhawat : Apr 24, 2022, 09:07 AM
रैपिड रेल में सफर करने वाले यात्रियों को घर से लेकर स्टेशन और फिर अपने गंतव्य तक जाने के लिए विशेष फीडर सेवा उपलब्ध होगी। रैपिड रेल स्टेशनों पर यात्रियों को शटल बस के साथ किराए पर स्कूटर, बाइक टैक्सी, टैक्सी, कार, ऑटो सहित ई-रिक्शा की एक स्थान पर सुविधा मिलेगी।
स्टेशन पर किराए पर साइकिल भी ली जा सकेगी। बगैर किसी बाधा आने जाने के लिए एक किमी तक का साइकिल जोन बनाया जाएगा। यात्री विभिन्न फीडर सेवाओं का लाभ आसानी से उठा सकें, इसके लिए स्टेशन के आसपास आधा किमी का वॉकिंग जोन होगा।
बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रैपिड स्टेशन के आसपास ई-चार्जिंग की सुविधा देने की एनसीआरटीसी की ओर से तैयारी की जा रही है। ऐसे में स्टेशन की पार्किंग में वाहनों को लगाने केसाथ यात्रियों को इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज भी कर सकेंगे।
चार्जिंग प्वॉइंट का स्वरूप कैसा होगा, उसको अंतिम रूप देने का काम जारी है। यात्रियों को उनकी जेब के मुफीद फीडर सेवा मिलने से बेहद लाभ होगा। लोग अपने वाहनों की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने को प्रोत्साहित होंगे।
फीडर सेवा के लिए एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया हुई शुरूएनसीआरटीसी के सीपीआरओ पुनीत वत्स ने बताया कि रैपिड स्टेशन तक आने और जाने के लिए यात्रियों को विशेष फीडर सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में काम जारी है। इसके लिए फीडर बस और रेंटल कार व अन्य एजेंसी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। एनसीआरटीसी का मकसद लोगों को अपने व्यक्तिगत वाहनों की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने का भी है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अधिक प्रयोग से घटेगा प्रदूषणएनसीआरटीसी के सर्वे में रैपिड रेल कॉरिडोर के जरिए पांच साल के अंदर करीब एक लाख व्यक्तिगत वाहनों के सड़कों से कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके अलावा रैपिड रेल कॉरिडोर से 80 हजार टन कार्बन मोनोऑक्साइड भी घटेगी। रैपिड रेल के साथ फीडर सेवा से भी शहर के प्रदूषण का ग्राफ घटेगा।
यात्रियों को लाने ले जाने को होगा विशेष पिक एंड ड्रॉप प्वॉइंट:
रैपिड रेल के सभी स्टेशनों पर फीडर सेवा मुहैया कराने की योजना के तहत विशेष जोन का निर्माण किया जाएगा। कार, ऑटो, ई-रिक्शा सहित फीडर बस लोगों को स्टेशन आसानी से छोड़ और ले जा सके, इसके लिए प्रत्येक स्टेशन पर विशेष पिक एंड ड्रॉप प्वॉइंट होगा। स्टेशन के बाहर किसी प्रकार का जाम नहीं लगे, इसके लिए इस बिंदु पर पर्याप्त स्थान की व्यवस्था की जा सकेगी।
स्टेशन पर किराए पर साइकिल भी ली जा सकेगी। बगैर किसी बाधा आने जाने के लिए एक किमी तक का साइकिल जोन बनाया जाएगा। यात्री विभिन्न फीडर सेवाओं का लाभ आसानी से उठा सकें, इसके लिए स्टेशन के आसपास आधा किमी का वॉकिंग जोन होगा।
बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रैपिड स्टेशन के आसपास ई-चार्जिंग की सुविधा देने की एनसीआरटीसी की ओर से तैयारी की जा रही है। ऐसे में स्टेशन की पार्किंग में वाहनों को लगाने केसाथ यात्रियों को इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज भी कर सकेंगे।
चार्जिंग प्वॉइंट का स्वरूप कैसा होगा, उसको अंतिम रूप देने का काम जारी है। यात्रियों को उनकी जेब के मुफीद फीडर सेवा मिलने से बेहद लाभ होगा। लोग अपने वाहनों की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने को प्रोत्साहित होंगे।
फीडर सेवा के लिए एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया हुई शुरूएनसीआरटीसी के सीपीआरओ पुनीत वत्स ने बताया कि रैपिड स्टेशन तक आने और जाने के लिए यात्रियों को विशेष फीडर सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में काम जारी है। इसके लिए फीडर बस और रेंटल कार व अन्य एजेंसी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। एनसीआरटीसी का मकसद लोगों को अपने व्यक्तिगत वाहनों की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने का भी है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अधिक प्रयोग से घटेगा प्रदूषणएनसीआरटीसी के सर्वे में रैपिड रेल कॉरिडोर के जरिए पांच साल के अंदर करीब एक लाख व्यक्तिगत वाहनों के सड़कों से कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके अलावा रैपिड रेल कॉरिडोर से 80 हजार टन कार्बन मोनोऑक्साइड भी घटेगी। रैपिड रेल के साथ फीडर सेवा से भी शहर के प्रदूषण का ग्राफ घटेगा।
यात्रियों को लाने ले जाने को होगा विशेष पिक एंड ड्रॉप प्वॉइंट:
रैपिड रेल के सभी स्टेशनों पर फीडर सेवा मुहैया कराने की योजना के तहत विशेष जोन का निर्माण किया जाएगा। कार, ऑटो, ई-रिक्शा सहित फीडर बस लोगों को स्टेशन आसानी से छोड़ और ले जा सके, इसके लिए प्रत्येक स्टेशन पर विशेष पिक एंड ड्रॉप प्वॉइंट होगा। स्टेशन के बाहर किसी प्रकार का जाम नहीं लगे, इसके लिए इस बिंदु पर पर्याप्त स्थान की व्यवस्था की जा सकेगी।