Coronavirus Vaccine / ये हैं कोरोना की 7 सबसे कारगर वैक्सीन, जानिए किसकी कितनी क्षमता?

पूरी दुनिया में कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। किसी भी देश में दो या तीन वैक्सीन से ज्यादा उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन दुनिया की वो वैक्सीन कौन सी है, जो कोरोना के खिलाफ सबसे ज्यादा ताकतवर है। किसी वैक्सीन से आपके शरीर में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई करने में ज्यादा मदद मिलेगी। इस बात का खुलासा किया है यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड यूसीएच में संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख डॉ। फहीम यूनुस ने।

Vikrant Shekhawat : Jun 30, 2021, 06:21 AM
Delhi: पूरी दुनिया में कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। किसी भी देश में दो या तीन वैक्सीन से ज्यादा उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन दुनिया की वो वैक्सीन कौन सी है, जो कोरोना के खिलाफ सबसे ज्यादा ताकतवर है। किसी वैक्सीन से आपके शरीर में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई करने में ज्यादा मदद मिलेगी। इस बात का खुलासा किया है यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड यूसीएच में संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख डॉ। फहीम यूनुस ने। 

डॉ। फहीम यूनुस ने अपने ट्विटर से यह जानकारी पूरी दुनिया को दी कि इस समय कोरोना के खिलाफ सबसे बेहतरीन सात वैक्सीन कौन सी है। इसमें उन्होंने बताया है कि ये वैक्सीन लास्ट स्टेज ट्रायल के बाद की क्षमता को दिखा रहा है। इसका नए वैरिएंट्स पर असर कम हो सकता है। उन्होंने एक ग्राफिक्स शेयर किया था, जिसे स्टेटिस्टा साइट ने तैयार किया है। इसमें वैक्सीन की एफिकेसी यानी कोरोना के खिलाफ क्षमता को लेकर जो दावा किया जा रहा है, वह वैक्सीन बनाने वाली दवा कंपनियों, द लैंसेट मैगजीन और ब्यूटैनटेन इंस्टीट्यूट के हवाले से दिया गया है। 

डॉ। फहीम यूनुस के ट्वीट ग्राफिक्स में एस्टेरिक्स मार्क के साथ यह भी लिखा गया है कि कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट पर इनकी एफिकेसी कम या ज्यादा हो सकती है। जैसे ChAdOx1 nCoV-2019 यानी ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद 90 फीसदी एफिकेसी हो जाती है। वहीं, जॉन्सन एंड जॉन्सन की 72 फीसदी।

इस ट्वीट में सबसे कम जिस वैक्सीन का असर है, वो है चीन की कोरोनावैक (Coronavac)। यह वैक्सीन सातवें नंबर पर है। जिसे चीन की दवा कंपनी साइनोवैक (Sinovac) ने बनाया है। इसकी क्षमता कोरोना के खिलाफ सिर्फ 50 फीसदी है। इसके ऊपर आती है, जॉन्सन एंड जॉन्सन की JNJ-78436735 वैक्सीन। जिसकी क्षमता है 66 फीसदी। यह वैक्सीन छठे नंबर पर है।

इसके बाद आती है, ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-2019 यानी भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में बनी कोविशील्ड (Covishield)। यह वैक्सीन पांचवे नंबर पर है। इसकी क्षमता 70 फीसदी है, लेकिन दोनों डोज लेने के बाद यह 90 फीसदी हो जाती है।

चौथे नंबर पर आती है नोवावैक्स कंपनी (Novavax) की कोविड-19 वैक्सीन NVX-CoV2373। कोरोना के खिलाफ इसकी क्षमता 89 फीसदी है। जबकि, तीसरे नंबर पर रूस की गामालेया साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई गैम-कोविड-वैक (Gam-Covid-Vac) स्पुतनिक-V (Sputnik-V) है। कोविड-19 के खिलाफ इसकी एफिकेसी 92 फीसदी है। स्पुतनिक-V को भारत में डोज लगाने की अनुमति दे दी गई है। 

दूसरे नंबर पर आती है, मॉडर्ना (Moderna) दवा कंपनी की mRNA-1273 कोविड-19 वैक्सीन। जिसकी कोरोना के खिलाफ लड़ने की क्षमता 94 फीसदी है। यानी इसके ऊपर सिर्फ एक ही दवा कंपनी ऐसी है, जिसकी दवा सबसे ज्यादा कारगर है। जहां तक भारत में मॉडर्ना की वैक्सीन लाने की बात है, तो ऐसा माना जा रहा है कि सिप्ला (Cipla) दवा कंपनी मॉडर्ना से वैक्सीन बनाकर भारत में डिस्ट्रीब्यूट करने का अधिकार प्राप्त कर ले। 

पहले नंबर पर है फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) की वैक्सीन BNT162b2। दुनिया में मौजूद सभी कोरोना टीकों में से इस वैक्सीन की क्षमता सबसे ज्यादा 95 फीसदी है। यानी इस वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद आपका शरीर कोरोना वायरस से 95 फीसदी बच सकता है। लेकिन अलग-अलग वैरिएंट पर इसका असर और क्षमता भी अलग-अलग होगी।