Vikrant Shekhawat : Jul 10, 2022, 08:26 PM
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन (Sri Lanka Rashtrapati Bhavan) पर पिछले 24 घंटे से आंदोलनकारियों का कब्जा है. हजारों की संख्या में लोग राष्ट्रपति भवन को घेर कर बैठे हैं. राष्ट्रपति भवन में एक भी कमरा ऐसा नहीं है, जहां श्रीलंका की जनता ना पहुंची हो. बेडरूम से लेकर ड्राइंग रूम और किचन से लेकर बाथरूम तक को लोगों ने छान मारा है और इसी छानबीन में दो ऐसे तहखानों का पता चला है, जिसको लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहा है. कहा जा रहा है कि इन्हीं चोर दरवाजे से श्रीलंका के रास्ट्रपति गोटबाया (President Gotabaya) भागे हैं.राष्ट्रपति भवन में हर जगह प्रदर्शनकारीश्रीलंकाई राष्ट्रपति भवन में क्रांतिकारियों की नई तस्वीर देखने को मिल रही है. तालिबानियों (Talibanis) ने जब अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा किया था, तब भी ऐसी तस्वीर सामने आई थी, लेकिन यहां और वहां में फर्क है. वहां आतंकियों ने बंदूक और बारूद के दम पर राष्ट्रपति को भगाया था, यहां लोगों के गुस्से को देखकर राष्ट्रपति भाग गए हैं. आंदोलनकारियों ने बेडरूम से स्विमिंग पुल तक साध लिया है.सोशल मीडिया पर बना रहे हैं वीडियोश्रीलंका में इस समय दो तरह के आंदोलनकारी देखे जा रहे हैं. एक वो जो पुलिस से लड़ रहे हैं, पुलिस की लाठियां खा रहे हैं और दूसरे जो राष्ट्रपति भवन में टिकटॉक और इंस्टा बना रहे हैं. किसी जासूस की तरह इन लोगों ने पूरे राष्ट्रपति भवन को छान मारा है. कहां राष्ट्रपति बैठ कर खाना खाते थे, कहां राष्ट्रपति मेहमानों से बात करते थे. इसी तलाश में लोग वहां पहुंच गए, जहां से दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति यहां से ही भाग निकले थे.कबर्ड में मिला गुप्त दरवाजाइस गुप्त दरवाजे की कहानी यही है कि कबर्ड में सामान रखा गया था, लोगों ने लूट लिया और जब कबर्ड के अंदर का दरवाजा खोलते हैं तो लोगों को एक नए लोक का पता चलता है. इसके बाद तो लोगों ने हर कबर्ड को कबाड़ में बदल दिया. इसी तलाश में एक नए रहस्य का पता चल गया और कबर्ड के पीछे एक और दरवाजा मिल गया.प्रदर्शनकारियों को मिले रुपयेवहीं, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के घर के अंदर से 1.78 करोड़ रुपये बरामद करने का दावा किया है. सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में प्रदर्शनकारी बरामद मुद्रा नोट की गिनती करते हुए दिखाई दे रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में 1,78,50,000 श्रीलंकाई रुपये मिले हैं.राजपक्षे की नहीं है जानकारीवहीं, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे फिलहाल कहां हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. श्रीलंका की संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने (Speaker Mahinda Yapa Abhaywardene) ने कहा था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे. अभयवर्धने ने राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Prime Minister Ranil Wickremesinghe) के तत्काल इस्तीफे की मांग की. स्थायी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति नहीं होने की स्थिति में संसद अध्यक्ष कार्यवाहक राष्ट्रपति बनेंगे.IMF की हालात पर नजरइस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा कि वह श्रीलंका के हालात पर नजर बनाए हुए है. राजनीतिक गतिरोध जल्द समाप्त कर लिया जाएगा, ताकि IMF समर्थित योजना पर बातचीत दोबारा शुरू हो सके. श्रीलंकाई सेना (Sri Lankan Army) प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों से समर्थन मांगते हुए कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान का अवसर अब उपलब्ध है.अस्पताल में 102 लोग भर्तीकोलंबो (Colombo) के एक अस्पताल ने बताया कि 102 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें 11 मीडियाकर्मी शामिल हैं. बता दें कि श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है. 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी है, जिससे देश ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के जरूरी आयात के लिए भुगतान कर पाने में असमर्थ हो गया है.55 फीसदी महंगाईश्रीलंका में हालात बेकाबू है. मुसीबत ये है कि कर्ज में डूबी श्रीलंका की सरकार ये समझ नहीं पा रही है कि रास्ता कैसे निकलेगा. अप्रैल 2021 तक श्रीलंका पर 3,510 करोड़ डॉलर यानी लगभग सवा 11 लाख करोड़ श्रीलंकाई रुपये का विदेशी कर्ज था. इस साल अप्रैल महीने तक वो बढ़कर 5,100 करोड़ डॉलर यानी लगभग सवा 16 लाख करोड़ श्रीलंकाई रुपये तक पहुंच गया. महंगाई दर जो इस साल मार्च में 22 प्रतिशत पर थी, वो मई में 40 प्रतिशत और अब करीब 55 प्रतिशत तक पहुंच गई है.पर्यटन उद्योग चौपटइसके अलावा पर्यटन उद्योग भी चौपट हो गया है. हालत ये है कि साल 2018 में जहां देश में करीब 23 लाख पर्यटक आए थे. वहीं, 2021 में सिर्फ 1 लाख 94 हजार पर्यटक ही आए. राजपक्षे सरकार की तरफ से टैक्स कम करने से कमाई घटी है. 2018 में जहां टैक्स से 10.536 अरब डॉलर की कमाई हुई. वहीं, 2021 में सिर्फ 6.564 अरब डॉलर का टैक्स कलेक्शन हुआ. श्रीलंका की बदहाली के लिए राजपक्षे परिवार के गलत फैसले और भ्रष्टाचार को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.सरकार ने लिया विदेशी कर्जसरकार ने माली हालत सुधारने के लिए विदेश से बेतहाशा कर्ज लिया. अब बढ़ते विदेशी कर्ज ने श्रीलंका की हालत खस्ता कर दी है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है और कर्ज चुकाने के पैसे नहीं हैं. 2022 में ही श्रीलंका को करीब 4 बिलियन डॉलर का लोन चुकाना है. हालत ये है कि पिछले साल से श्रीलंकन करेंसी में 82% की गिरावट आई है. अब डॉलर की कीमत 362 श्रीलंकाई रुपये तक पहुंच गई है. अब श्रीलंका सरकार ने IMF से 350 करोड़ डॉलर की मदद की गुहार लगाई है.