COVID-19 Update / Biocon की ये दवा कोरोना के इलाज में करेगी मदद, जानें कितनी होगी इसकी कीमत

बायोकॉन बायोलॉजिक्स को कोविड-19 मरीजों के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की तरफ से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी Itoliuzumab इंजेक्शन के इमरजेंसी तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है। बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने सोमवार को कहा कि वह मध्यम से लेकर गंभीर कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए बायोलॉजिक दवा इटोलिज़ुमाब पेश करेगी। इस दवा की एक बोतल की कीमत लगभग 8,000 रुपये तक हो सकती है।

News18 : Jul 14, 2020, 09:27 AM
नई दिल्ली। बायोकॉन बायोलॉजिक्स (Biocon Biologics) को कोविड-19 मरीजों के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की तरफ से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी Itoliuzumab इंजेक्शन के इमरजेंसी तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है। बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने सोमवार को कहा कि वह मध्यम से लेकर गंभीर कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए बायोलॉजिक दवा इटोलिज़ुमाब पेश करेगी। इस दवा की एक बोतल की कीमत लगभग 8,000 रुपये तक हो सकती है। Itoliuzumab से मरीजों में साइटोकिन स्टॉर्म्स (Cytokine Storms) के इलाज करने में मदद मिल सकेगी।


गंभीर रोगियों के इलाज में होती है उपयोग

मजूमदार-शॉ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम जितना संभव हो और उतनी तेजी से क्षमता बढ़ा रहे हैं। इटोलिज़ुमा से गंभीर रोगियों का इलाज किया जाता है, लेकिन यह एक बहुत बड़ी चुनौती है, न केवल भारत में बल्कि दुनिया के लिए।' उन्होंने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आती है, तब तक हमें जीवन रक्षक दवाओं की जरूरत होती है।' माना जा रहा है कि cytokine storms ही गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों की मौत का प्रमुख कारण है।


क्या होता है साइटोकिन्स?

साइटोकिन्स एक तरह का सिग्नलिंग पदार्थ है जिसे शरीर की रोग प्रतिरोधक सिस्टम छोड़ती है। यह प्रक्रिया तब शुरू होती है, जब मानव शरीर में कोई वायरल गतिविधि चल रही होती है। कोरोना वायरस संक्रमण वाले कुछ मामलों में देखा गया है कि मरीज की रोग-प्रतिरोधक सिस्टम जरूरत से ज्यादा साइटोकिन्स का उत्पादन कर देती है। इससे अत्यधिक सूजन की समस्या होती है और शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। इसके बाद मरीज की मौत हो जाती है।

स्टडी के आधार पर मिली मंजूरी

इस दवा को 30-रोगी के स्टडी के आधार पर मंजूरी दी गई थी। जिन 20 रोगियों को जिन्हें इटोलिज़ुमा दिया गया था वो रिकवर हो गए और जिन 10 मरीजों को दवा नहीं दी गई थी उनमें से 3 की मौत हो गई। 20 रोगियों के अलावा, अन्य 150 रोगियों को भी ये दवा ‘off-label use’ के आधार पर दी गई थी। इसका मतलब आपातकालीन स्थिति में दवा का उपयोग, जिसे उपचार के लिए अनुमोदित नहीं किया जाता है।