Russia-Ukraine War / यूरोप का रूस के खिलाफ ऐसा है मास्टर प्लान, सबको सता रहा ये डर

यूक्रेन युद्ध के बीच EU ने रूस के खिलाफ "ऑपरेशन स्काई शील्ड" प्रस्तावित किया है, जिसमें 120 लड़ाकू विमानों की तैनाती पर विचार किया जा रहा है. इसका उद्देश्य पश्चिमी यूक्रेन की रक्षा करना है. फ्रांस की 'न्यूक्लियर अंब्रेला' पेशकश और NATO सुरक्षा विस्तार की चर्चा से तनाव बढ़ सकता है.

Russia-Ukraine War: यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच यूरोपीय संघ (EU) अब रूस के खिलाफ एक नई रणनीतिक योजना बना रहा है। इस योजना को 'ऑपरेशन स्काई शील्ड' (Operation Sky Shield) नाम दिया गया है। इसके तहत, EU यूक्रेन की रक्षा के लिए 120 लड़ाकू विमानों की तैनाती पर विचार कर रहा है।

क्या है ऑपरेशन स्काई शील्ड?

  • कोडनेम: Sky Shield

  • लक्ष्य: क्रूज मिसाइल हमलों से पश्चिमी यूक्रेन की रक्षा

  • रणनीति: EU के लड़ाकू विमान यूरोपीय एयरबेस से उड़ान भरकर यूक्रेनी वायु सेना के साथ समन्वय में काम करेंगे।

  • मकसद: यूक्रेनी एयर डिफेंस को पूर्वी मोर्चे पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करना।

EU रणनीतिकारों का मानना है कि यूक्रेन में 10,000 या उससे अधिक यूरोपीय सैनिकों को भेजने की बजाय यह मिशन अधिक प्रभावी होगा। इसका प्रमुख उद्देश्य यूक्रेन के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे (Critical Infrastructure) की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

फ्रांस ने परमाणु छत्रछाया की पेशकश क्यों की?

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस योजना की शुरुआत में ही परमाणु हथियारों का जिक्र चिंता बढ़ा रहा है। फ्रांस ने यूरोप समेत यूक्रेन को अपनी ‘न्यूक्लियर अंब्रेला’ (Nuclear Umbrella) देने की पेशकश की है। इसका अर्थ है कि फ्रांस यूक्रेन को परमाणु सुरक्षा देने के लिए तैयार है, जिससे यह संभावना बढ़ जाती है कि युद्ध अब और खतरनाक मोड़ ले सकता है।

इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी का NATO को लेकर बड़ा बयान

इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, जो अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कट्टर समर्थक मानी जाती हैं, यूरोपीय सैनिकों को भेजने के ख़िलाफ़ हैं। उन्होंने NATO के Article 5 को यूक्रेन तक बढ़ाने की मांग की है। यदि ऐसा होता है, तो यूक्रेन को बिना NATO सदस्यता के ही NATO सुरक्षा मिल जाएगी। इसका अर्थ यह होगा कि रूस के किसी भी हमले पर पूरा NATO जवाबी कार्रवाई कर सकता है।

रूस बनाम अमेरिका से ज्यादा खतरनाक रूस बनाम यूरोप?

रूस और अमेरिका के बीच संघर्ष शीत युद्ध से चला आ रहा है, लेकिन रूस और यूरोप के बीच वर्तमान तनाव अधिक गंभीर हो सकता है। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

  1. सीधी सैन्य भागीदारी: अमेरिका यूक्रेन को हथियार तो दे रहा है, लेकिन सैनिक नहीं भेज रहा। वहीं, यूरोप अब लड़ाकू विमानों की तैनाती पर विचार कर रहा है।

  2. परमाणु युद्ध का खतरा: फ्रांस के न्यूक्लियर अंब्रेला की पेशकश और NATO सुरक्षा की बात, युद्ध को एक नए स्तर पर ले जा सकती है।

  3. यूरोप का विभाजन: कुछ देश सैन्य हस्तक्षेप के पक्ष में हैं, जबकि कुछ देश इससे बचना चाहते हैं, जिससे EU के भीतर भी तनाव बढ़ सकता है।

क्या रूस अब कड़े कदम उठाएगा?

रूस पहले ही यूरोपीय देशों को अंजाम भुगतने की चेतावनी दे चुका है। यदि यूरोप के लड़ाकू विमान सीधे युद्ध में शामिल होते हैं, तो रूस इसे यूरोप की सीधी भागीदारी मानेगा और जवाबी कार्रवाई कर सकता है।