Karwa Chauth 2022 / बेहद शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा इस साल करवा चौथ, यहां जानें व्रत की तिथि और महत्व

करवा चौथ हर साल कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. सनातन धर्म में करवा चौथ व्रत का बेहद खास महत्व है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं. इसके साथ ही इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव, मां पर्वती और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करती हैं. आइए जानते हैं कि साल 2022 में करवा चौथ कब है

Vikrant Shekhawat : Aug 12, 2022, 11:56 AM
Karwa Chauth 2022: करवा चौथ हर साल कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. सनातन धर्म में करवा चौथ व्रत (Karwa Chauth Vrat 2022) का बेहद खास महत्व है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं. इसके साथ ही इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव, मां पर्वती और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करती हैं. आइए जानते हैं कि साल 2022 में करवा चौथ (Karwa Chauth Kab hai 2022) कब है, व्रत के लिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है और करवा चौथ व्रत के महत्व के बारे में.

करवा चौथ व्रत 2022 तारीख और शुभ मुहूर्त

करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर, गुरुवार को पड़ रही है. चतुर्थी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को देर रात 1 बजकर 59 मिनट से हो रही है. वहीं चतुर्थी तिथि का समापन 14 अक्टूबर को तड़के 3 बजकर 8 मिनट पर होगा. 

इस साल चंद्रोदय व्यापिनी मुहूर्त 13 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है. ऐसे में करवा चौथ की पूजा इस दिन ही होगी.

करवा चौथ पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 54 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 09 मिनट तक है. यानी करवा चौथ की पूजा के लिए 1 घंटा 15 मिनट का समय मिलेगा. 

इस दिन महिलाएं इसी शुभ मुहूर्त में करवा चौथ की पूजा करेंगी तो बेहतर रहेगा. करवाचौथ के दिन चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 09 मिनट है.

करवा चौथ व्रत पूजा विधि

  • करवा चौथ व्रत की पूजा करने हेतु सबसे पहले जल से भरा लोटा और एक करवे में गेहूं भरकर रखें.
  • पूजा के लिए दीवार या कागज पर चंद्रमा और उसके नीचे भगवान शिव और कार्तिकेय की तस्वीर बनाएं.
  • इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, अगर निर्जला व्रत रख पाना संभव ना हो तो व्रत के दौरान फलाहार भी कर सकती हैं.
  • करवा चौथ वाले दिन सुबह से लेकर चंद्रोदय तक व्रत रखें. रात में चंद्रदर्शन के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें.
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने के क्रम में उनसे प्रार्थना करें कि आपके पति की आयु लंबी हो.
  • व्रत पूरा होने के बाद ही महिलाएं जल और भोजन ग्रहण कर सकती हैं.
करवा चौथ का महत्व

हिंदू धर्म शास्त्रों में करवा चौथ व्रत का खास महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो विवाहित सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं उसके पति को लंबी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही वैवाहिक जीवन में आपकी रिश्ता मजबूत रहता है. मान्यता यह भी है कि अगर करवा चौथ व्रत के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके पूजा करती हैं तो उन्हें अमर सुहाग का वरदान प्राप्त होता है.