प्रयागराज / यमुना में मरी मिलीं हजारों मछलियां, नदी किनारे जाने से डरे लोग

प्रयागराज की यमुना नदी में मरी हुई हज़ारों छोटी मछलियां मिलने से हड़कंप मच गया है। एक दो किलोमीटर तक यमुना नदी के किनारे पर मरी मछलियां पाई गईं हैं। मछलियों के मरने की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है। लेकिन स्थानीय लोग इतनी बड़ी संख्या में मछलियों के मरने से बेहद डरे हुए हैं। लोगों को शक है कि कहीं कोरोना संक्रमण इसकी वजह तो नहीं है।

AajTak : May 15, 2020, 09:04 AM
प्रयागराज: की यमुना नदी में मरी हुई हज़ारों छोटी मछलियां मिलने से हड़कंप मच गया है। एक दो किलोमीटर तक यमुना नदी के किनारे पर मरी मछलियां पाई गईं हैं। मछलियों के मरने की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है। लेकिन स्थानीय लोग इतनी बड़ी संख्या में मछलियों के मरने से बेहद डरे हुए हैं। लोगों को शक है कि कहीं कोरोना संक्रमण इसकी वजह तो नहीं है।

वहीं, मछलियों के मरने की खबर पाकर मौके पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग की जांच टीम भी पहुंची और यमुना के पानी के सैंपल जांच के लिए अपने साथ लेकर गई है। टीम के मुताबिक, यमुना में सब सही है फिर भी मछलियां मर रही हैं। इसकी वजह जानने का प्रयास किया जा रहा है।

यमुना नदी में इतनी बड़ी संख्या में मरी पड़ी छोटी मछलियां देखकर लोग चिंता में हैं। लोगों को डर है कि कोरोना संक्रमण भी इसकी वजह हो सकता है। लेकिन जांच करने आई प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम ने पानी में सब कुछ सही पाया है।

अधिकारियों के मुताबिक, यहां कोई भी प्रदूषण का स्रोत नहीं है। फैक्ट्रियां भी बंद हैं फिर भी इस मामले की जांच करनी होगी। जांच करने आये अधिकारी ने बताया कि यमुना का जल मानक के अनुरूप है। मछलियों के इस तरह मरने की जांच के बाद ही साफ़ हो पाएगा कि इसके पीछे की वजह क्या है।

स्थानीय निवासी रवि सिंह का कहना है कि इसकी वजह कुछ साफ नहीं हो पाई है। मछलियों के मरने की वजह कोरोना भी हो सकती है, यह तो जांच करने से ही पता चलेगा लेकिन यहां 1-2 किलोमीटर की रेंज में हजारों की संख्या में मरी मछलियां दिखाई पड़ रही हैं। इनमें छोटी मछलियां ही हैं, बड़ी मछलियां नहीं हैं। नदी किनारे लोग नहाते हैं, आते जाते हैं। हम लोग भी नहाते हैं। इस वजह से डर का माहौल बन गया है।

क्षेत्रीय अधिकारी यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जेबी सिंह का कहना है कि पहले तो हम जांच करवाकर ये पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि मछलियां मरी क्यों हैं। मरने वाली मछलियों की संख्या हजारों में है जो चिंता का विषय है

आगे उन्होंने बताया कि यहां आस-पास कोई भी ऐसा उद्योग नहीं है जिसका प्रदूषित पानी सीधे यमुना में आता हो। इस समय तो वैसे ही लॉकडाउन है। सारी फैक्ट्रियां बंद हैं। इसकी वजह को देखना पड़ेगा कि मछलियां किस कारण से मर रही हैं। वैसे हमारी गंगा-यमुना के जल की जो टेस्टिंग होती है वह सब मानक के अनुरूप है।