Uttar Pradesh News / आज UP के 52 हजार कर्मचारियों को आखिरी मौका, सैलरी होगी होल्ड!

उत्तर प्रदेश में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए आज आखिरी मौका है। यदि 52,000 कर्मचारियों में से कोई भी आज शाम तीन बजे तक जानकारी नहीं देता, तो उनकी सैलरी रोक दी जाएगी। पहले की डेडलाइन 31 अगस्त थी, लेकिन बाद में मोहलत बढ़ाई गई थी।

Vikrant Shekhawat : Sep 30, 2024, 09:44 AM
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देने की अंतिम तिथि आज, 30 सितंबर, 2024 को है। करीब 52,000 कर्मचारियों को आज शाम तीन बजे तक अपनी संपत्ति का विवरण पोर्टल पर अपडेट करना है। जो कर्मचारी इस समय सीमा के भीतर ब्यौरा नहीं देंगे, उनकी सैलरी होल्ड कर दी जाएगी। यह कदम राज्य सरकार द्वारा पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

डेडलाइन और पिछला अनुभव

इससे पहले, संपत्ति का ब्यौरा देने की डेडलाइन 31 अगस्त 2024 थी। उस समय तक अपने संपत्ति का विवरण नहीं देने वाले कर्मचारियों की सैलरी रोक दी गई थी, हालांकि कर्मचारी संगठनों और विभागाध्यक्षों की अपील के बाद उन्हें एक बार फिर से सैलरी जारी कर दी गई थी। इस निर्णय के पीछे सरकारी अधिकारियों का तर्क था कि संपत्ति का ब्यौरा समय पर अपडेट करना आवश्यक है ताकि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण रखा जा सके।

मुख्य सचिव का आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने जुलाई में एक आदेश जारी करते हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया था कि वे 31 अगस्त तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा पोर्टल पर अपडेट करें। उन्होंने चेतावनी दी थी कि जो अधिकारी या कर्मचारी इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उनकी सैलरी रोक दी जाएगी। इस आदेश का पालन न होने के कारण 1 सितंबर को कई कर्मचारियों की सैलरी रिलीज नहीं की गई, जिससे प्रदेश में हड़कंप मच गया।

पुलिस और राजस्व विभाग के कर्मचारी

इस संकट का सबसे बड़ा असर पुलिस और राजस्व विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों पर पड़ा। अधिकारियों का कहना था कि वे आपदा राहत कार्यों और चुनाव ड्यूटी में व्यस्त थे, जिसके कारण उन्हें समय नहीं मिल सका। इस स्थिति को देखते हुए, मुख्य सचिव ने 30 सितंबर को अंतिम तिथि निर्धारित की और स्पष्ट कर दिया कि अब कोई रियायत नहीं दी जाएगी।

ब्यौरा न देने वाले कर्मचारी

कोषागार विभाग के अनुसार, ए क्लास और बी क्लास के 7,000 से अधिक अधिकारियों ने अब तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। सी क्लास और डी क्लास के कर्मचारियों की संख्या भी लगभग इतनी ही है। यह स्थिति राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय है क्योंकि इससे न केवल सरकारी कार्य में रुकावट आ सकती है, बल्कि जवाबदेही के मुद्दे पर भी सवाल उठ सकते हैं।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल सरकारी कर्मचारियों के बीच जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए है। हालाँकि, अब केवल कुछ घंटों का समय बचा है, और जिन कर्मचारियों ने अब तक संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है, उनके सामने सैलरी का संकट looming है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि नियमों का पालन न करने पर कोई छूट नहीं दी जाएगी, और इससे प्रदेश के कर्मचारियों में एक नई जागरूकता उत्पन्न हुई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सभी कर्मचारी समय सीमा के भीतर अपने ब्यौरे को अपडेट कर पाएंगे।