Special / कल होगा साल का सबसे छोटा दिन, बस इतने घंटे की होगी ड्यूरेशन

खगोलीय घटनाक्रम के जानकारों के मुताबिक सूर्य (Sun) के चारों तरफ पृथ्वी (Earth) के परिभ्रमण के कारण 22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत होगा. इससे उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होगी. 22 दिसंबर को देश के अलग-अलग शहरों में सुबह 06.55 मिनट से 07 बजकर कुछ मिनट पर सूर्योदय होगा. उदाहरण के लिए जयपुर में सूर्योदय 7.12 मिनट पर और सूर्यास्त 5.39 पर होगा.

Vikrant Shekhawat : Dec 21, 2022, 11:22 AM
Shortest Day 22 December: खगोलीय घटनाक्रम (Khagoliya Ghatnakram) के चलते हर साल की तरह इस बार भी 22 दिसंबर को साल का सबसे छोटी अवधि का दिन (Shortest Day) और सबसे लंबी अवधि की रात (Longest Night) रहेगी. इस दौरान दिन की कुल अवधि बस 10 घंटे 41 मिनट की रहेगी. वहीं रात की कुल ड्यूरेशन अवधि 13 घंटे 19 मिनट रहेगी.

क्यों होता है दिन छोटा और रात बड़ी

खगोलीय घटनाक्रम के जानकारों के मुताबिक सूर्य (Sun) के चारों तरफ पृथ्वी (Earth) के परिभ्रमण के कारण 22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत होगा. इससे उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होगी. 22 दिसंबर को देश के अलग-अलग शहरों में सुबह 06.55 मिनट से 07 बजकर कुछ मिनट पर सूर्योदय होगा. उदाहरण के लिए जयपुर में सूर्योदय 7.12 मिनट पर और सूर्यास्त 5.39 पर होगा. यानी गुलाबी नगरी में कल का दिन 10 घंटे और और 27 मिनट का होगा. वहीं उज्जैन में सूर्योदय सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 46 मिनट पर होगा. 

22 दिसंबर को ही सूर्य कर्क रेखा की तरफ यानी उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर आता है. इसी दिन से मैदानी इलाकों में ठंड और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी बढ़ जाती है. इस 22 दिसंबर को शीतकालीन संक्रांति भी कहा जाता है. यानी इस दौरान उत्तर ध्रुव पर रात होती है और दक्षिण ध्रुव पर सूर्य चमकता है.

विंटर सोल्स्टिस

सबसे छोटे दिन को विंटर सोल्स्टिस भी कहते हैं. यह एक लैटिन शब्द है. लैटिन में सोल का अर्थ है सूर्य और सेस्टेयर का मतलब है स्थिर खड़े रहना. यानी सोल्स्टिस शब्द का मतलब हुआ सूर्य का स्थिर खड़े रहना. इस दिन पृथ्वी झुके हुए अक्ष पर घूमती है. इस कारण 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है.

कहां से लगेगा सटीक अनुमान

22 दिसंबर को होने वाले इस अद्भुत खगोलीय घटनाक्रम को उज्जैन और जयपुर समेत देशभर की वेधशाला में शंकु यंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा जा सकेगा. इस घटना को धूप होने पर ही देखा जा सकेगा.