AajTak : Apr 29, 2020, 03:20 PM
अमेरिका: जर्मनी के एक अखबार ने हिसाब लगाया था कि कोरोना वायरस से हुए नुकसान के बदले चीन पर करीब 162 बिलियन डॉलर (करीब 12 लाख करोड़ रुपये) का हर्जाना बनता है। अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका कोरोना से हुए नुकसान के लिए चीन को 162 बिलियन डॉलर से भी अधिक का बिल भेज सकता है।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप का मानना है कि चीन कोरोना वायरस के प्रसार को पहले ही रोक सकता था। सोमवार को जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वे जर्मनी के अखबार की तरह चीन को बिल भेजने पर विचार कर रहे हैं, उन्होंने कहा- 'जर्मनी इस बारे में सोच रहा है। हम भी देख रहे हैं। हम जर्मनी से भी अधिक रकम के बारे में विचार कर रहे हैं।'
ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन को कितने डॉलर का बिल भेजा जाएगा, इसको लेकर वे आखिरी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। लेकिन यह रकम काफी बड़ी होगी।ट्रंप ने ये भी कहा कि अमेरिका कोरोना वायरस मामले में चीन के एक्शन की जांच भी कर रहा है। इस वायरस को पहले ही चीन में रोका जा सकता था। इससे पहले ट्रंप कोरोना वायरस को चीनी वायरस भी कह चुके हैं जिस पर चीन ने ऐतराज जताया था।
कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के कई देशों में पूरी तरह लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। इसकी वजह से इकोनॉमी बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई देशों को लाखों अरब रुपये का नुकसान हुआ है।अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से करोड़ों लोग बेरोजगार हो चुके हैं और कई अमेरिकी राज्यों में लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग ट्रंप से बाजार खोलने की मांग कर रहे हैं।पिछले हफ्ते जर्मनी के अखबार Bild ने चीन से हर्जाना लेने के लिए अनुमानित रकम का ब्यौरा प्रकाशित किया था। इसमें बताया गया था कि कोरोना वायरस की वजह से जर्मनी को 162 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। हालांकि, जर्मनी की सरकार ने अखबार के प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी थी।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप का मानना है कि चीन कोरोना वायरस के प्रसार को पहले ही रोक सकता था। सोमवार को जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वे जर्मनी के अखबार की तरह चीन को बिल भेजने पर विचार कर रहे हैं, उन्होंने कहा- 'जर्मनी इस बारे में सोच रहा है। हम भी देख रहे हैं। हम जर्मनी से भी अधिक रकम के बारे में विचार कर रहे हैं।'
ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन को कितने डॉलर का बिल भेजा जाएगा, इसको लेकर वे आखिरी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। लेकिन यह रकम काफी बड़ी होगी।ट्रंप ने ये भी कहा कि अमेरिका कोरोना वायरस मामले में चीन के एक्शन की जांच भी कर रहा है। इस वायरस को पहले ही चीन में रोका जा सकता था। इससे पहले ट्रंप कोरोना वायरस को चीनी वायरस भी कह चुके हैं जिस पर चीन ने ऐतराज जताया था।
कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के कई देशों में पूरी तरह लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। इसकी वजह से इकोनॉमी बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई देशों को लाखों अरब रुपये का नुकसान हुआ है।अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से करोड़ों लोग बेरोजगार हो चुके हैं और कई अमेरिकी राज्यों में लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग ट्रंप से बाजार खोलने की मांग कर रहे हैं।पिछले हफ्ते जर्मनी के अखबार Bild ने चीन से हर्जाना लेने के लिए अनुमानित रकम का ब्यौरा प्रकाशित किया था। इसमें बताया गया था कि कोरोना वायरस की वजह से जर्मनी को 162 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। हालांकि, जर्मनी की सरकार ने अखबार के प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी थी।